National : भारत में एसयू-57 जेट निर्माण पर भारत-रूस की तैयारी

By Anuj Kumar | Updated: September 4, 2025 • 11:14 AM

रूस-भारत में अपने पांचवीं पीढ़ी के सुखोई एसयू-57 फाइटर जेट (Fighter Jet) के निर्माण के लिए संभावित निवेश योजनाओं का अध्ययन कर रहा है। अमेरिकी टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हुए हैं। भारतीय वायुसेना (Indian Air force) ने कम से कम दो से तीन स्क्वाड्रन पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की आवश्यकता जताई है। इसमें रूस का एसयू-57 और अमेरिका का एफ-35 प्रमुख दावेदार हैं।

एचएएल बन सकता है उत्पादन केंद्र

सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), जो पहले से नासिक में रूसी मूल के एसयू-30 एमकेआई का निर्माण करता है, एसयू-57 के उत्पादन का संभावित केंद्र बन सकता है। साथ ही अन्य फैसिलिटी का भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे लागत में कमी आएगी।

अमेरिकी टैरिफ के बीच रणनीतिक साझेदारी

यह चर्चा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और रूसी तेल आयात पर अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की है। इसके बावजूद भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग गहराता जा रहा है।

भारत की बढ़ती रक्षा मांग

भारत ने हाल ही में रूस से एस-400 और एस-500 वायु रक्षा प्रणालियों की मांग की है। वहीं, रूस भारत को एसयू-57 खरीदने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहा है। लगभग एक दशक पहले भारत इस प्रोजेक्ट का हिस्सा था लेकिन मतभेदों के कारण बाहर निकल गया था।

अमेरिका भी पेश कर रहा एफ-35

दूसरी ओर, अमेरिका भारत को अपने एफ-35 फाइटर जेट की पेशकश कर रहा है। इसके साथ ही भारत का स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान भी 2028 तक उड़ान भरने और 2035 तक वायुसेना में शामिल होने की उम्मीद है।

रूस का बड़ा प्रस्ताव

रूस ने न केवल एसयू-57 के निर्माण में सहयोग की पेशकश की है, बल्कि पूर्ण सॉफ्टवेयर कोड और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर देने का भी आश्वासन दिया है। यह भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप है और वायु शक्ति के साथ-साथ स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को भी मजबूती देगा

सुखोई 57 का पूरा नाम क्या है?

सुखोई एसयू-57 (नाटो रिपोर्टिंग नाम: ‘फेलन’) एक 5वीं पीढ़ी का जुड़वां इंजन वाला स्टील्थ बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जिसे सुखोई ओकेबी और एचएएल ने एक संयुक्त उद्यम के तहत विकसित किया है।

भारत के पास कितने सुखोई विमान हैं?

भारत के पास “लगभग 260 सुखोई एसयू-30MKI” फाइटर जेट हैं, और भारतीय वायुसेना में कुल 31 फाइटर और कॉम्बैट स्क्वाड्रन हैं। एसयू-30MKI भारतीय वायुसेना के बेड़े की रीढ़ है, और हाल के वर्षों में दुर्घटनाओं के कारण खोए विमानों की जगह लेने के लिए 12 अतिरिक्त सुखोई विमानों का भी ऑर्डर दिया गया है। 

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