भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार विवाद में नया मोड़ आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) दोनों ने हाल ही में बयान देकर संकेत दिए हैं कि बातचीत के ज़रिए रास्ता निकाला जा सकता है।
पृष्ठभूमि
अमेरिका ने पिछले महीनों में भारत पर 50% तक टैरिफ लगा दिया था। इसकी बड़ी वजह भारत का रूस से तेल आयात जारी रखना और कुछ व्यापारिक बाधाएँ थीं। इस फैसले से भारतीय निर्यातकों पर असर पड़ा और कई सेक्टर में दबाव महसूस किया गया।
नरम रुख की झलक
अब ट्रंप ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच “बातचीत जारी है” और वे जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने मोदी को “बहुत अच्छे दोस्त” बताया और भरोसा जताया कि वार्ता से सफल परिणाम मिलेंगे।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी ने भी अमेरिका को “प्राकृतिक साझेदार” कहा और उम्मीद जताई कि बातचीत से दोनों देशों की असीमित संभावनाओं का द्वार खुलेगा।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी-भारतीय बिज़नेस काउंसिल (USIBC) ने दोनों नेताओं की सकारात्मक टिप्पणियों का स्वागत किया है। संगठन का कहना है कि इतने वर्षों में बनी आर्थिक साझेदारी को विवाद से कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
भारत की तैयारी
टैरिफ के दबाव के बीच भारत ने आंतरिक सुधारों की राह अपनाई है। हाल ही में GST व्यवस्था को सरल करते हुए टैक्स स्लैब घटाए गए, ताकि घरेलू मांग मज़बूत हो और आर्थिक संतुलन बना रहे।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि जहां टैरिफ विवाद ने तनाव पैदा किया, वहीं दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने संवाद का रास्ता चुना है। इससे संकेत मिलता है कि भारत–अमेरिका रिश्ते टकराव नहीं, बल्कि सहयोग की ओर बढ़ सकते हैं।
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