14 ‘जांबाज’ युद्धपोत जो बना रहे हैं भारत को समुद्री सुपरपावर
पाकिस्तान और चीन के लिए चेतावनी की घंटी
भारतीय नौसेना को रूस से INS तमाल नामक एक अत्याधुनिक स्टील्थ (Stealth) फ्रिगेट मिलने जा रहा है. यह क्रिवाक श्रेणी का आठवां युद्धपोत है, जिसमें 26% स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है. इससे अरब सागर में समुद्री सुरक्षा बढ़ेगी और पाकिस्तान पर निगरानी मजबूत होगी.
भारत अपनी शक्ति में लगातार इजाफा करता जा रहा है. वह जल, थल, नभ में एक सुपरपावर बनने की तरफ बढ़ रहा है. इस बीच भारतीय नौसेना के लिए 1 जुलाई ऐतिहासिक तारीख होने जा रही है. दरअसल, रूस के कैलिनिनग्राद में नौसेना को विध्वंसक और रडार से बच निकलने में सक्षम स्टील्थ फ्रिगेट युद्धपोत मिलने जा रहा है. INS तमाल नाम से जाना जाने वाला ये वॉरशिप पिछले दो दशकों में रूस से मिले क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट की सीरीज में आठवां घातक जंगी जहाज है।
तमाल वॉरशिप
तमाल वॉरशिप तुशील श्रेणी की ऐसी दूसरी युद्धपोत है, जो तलवार और तेग श्रेणी का मॉडर्न वर्जन है. साथ ही गोपनीय तरीके से काम करने वाला युद्धपोत है. इसे रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में बनाया गया है. ये भारतीय नौसेना में विदेशी सोर्स से शामिल होने वाला आखिरी युद्धपोत है. इस युद्धपोत को सरकार के आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया कार्यक्रमों के अनुरूप तैयार किया गया है. युद्धपोत की तैनाती के बाद अरब सागर और पाकिस्तान के कराची बंदरगाह के पास समुद्री सुरक्षा बेहद मजबूत हो जाएगी. दुश्मन की हर हरकत पर नजर रहेगी.
सबसे पहले बात करते हैं INS तमाल की. इसमें 26 फीसदी उपकरण स्वदेशी हैं. इसका नाम तमाल रखा गया है, जो इंद्र की ओर से युद्ध के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पौराणिक तलवार का प्रतीक है. इस जहाज का शुभंकर अमर भालू राजा ‘जाम्बवंत’ और रूसी राष्ट्रीय पशु यूरेशियन भूरे भालू की समानता से प्रेरित है. इसके क्रू दल को ‘द ग्रेट बियर्स’ कहा जाता है. इसका आदर्श वाक्य, ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ यानी हर समय विजयी है।
INS तमाल की बड़ी बातें
- तमाल में समुद्र और जमीन दोनों पर निशाना साधने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी शामिल है।
- जहाज से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात रहेंगी।
- इस पर मॉडर्न 100 मिलीमीटर तोप, मानक 30 मिलीमीटर गन क्लोज-इन हथियार प्रणाली मौजूद रहेगी।
- तमाल पर भार वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट और कई सर्विलांस व अग्नि नियंत्रण रडार मौजूद हैं।
- इस जहाज पर हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकेंगे, जो इसके डेक से ऑपरेट हो सकते हैं।
- जहाज की सहनशक्ति काफी ज्यादा है और इसकी स्पीड 30 नॉट से ज्यादा है।
- ये 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है।
- तमाल को पश्चिमी नौसेनिक के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
क्या होता है युद्धपोत?
युद्धपोत नौसेना के जहाज की एक विशेष श्रेणी है. इस श्रेणी का इस्तेमाल मुख्य रूप से युद्ध के लिए किया जाता है. नौसेना और तटरक्षक आमतौर पर समुद्र में रक्षा के लिए इनका उपयोग करते हैं. युद्धपोतों के फीचर में चुस्ती, स्पीड, बेहतर गतिशीलता होती है. इनको गोला-बारूद, मिसाइलें, लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों से लैस किया जाता है. इनका उपयोग जरूरत के समय सैन्य वाहक के रूप में भी किया जाता है. युद्धपोतों के कुछ सामान्य प्रकार हैं, जिनमें फ्रिगेट, एयरक्राफ्ट कैरियर, विध्वंसक, कोरवेट, पनडुब्बी, एंफीबियस असॉल्ट शिप और क्रूजर जहाज शामिल होते हैं. INS तमाल एक फ्रिगेट जहाज है.
शिवालिक-क्लास सबसे पहला स्वदेशी स्टील्थ युद्धपोत
इस साल जनवरी 2025 में नीलगिरि श्रेणी का INS नीलगिरी युद्धपोत नौसेना को मिला. फ्रिगेट क्साल में नीलगिरि श्रेणी सबसे बड़ी है. आईएनएस नीलगिरि इस श्रेणी का प्रमुख जहाज है. इस क्लास का मुख्य उद्देश्य मौजूदा समय में सेवारत शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट की भरपाई करना है. शिवालिक-क्लास भारत की ओर से निर्मित पहला स्टील्थ युद्धपोत है. इस श्रेणी के सभी तीन जहाजों का निर्माण मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड की ओर से 2000 से 2010 तक किया गया. तलवार श्रेणी से पहले ब्रह्मपुत्र श्रेणी के फ्रिगेट बनाए गए थे, जिन्हें कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया था. इस श्रेणी के तीन जहाज अभी भी भारतीय नौसेना की सेवा में हैं।