लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल विजय शहीद दिवस-25 (Kargil Vijay Shaheed Diwas-25) कार्यक्रम में पाकिस्तान और उसके आतंकवाद (Terrorism) ने पुलवामा में 22 निर्दोष यात्रियों को अपना शिकार बनाया। वहीं भारतीय सेना को पूरे पाकिस्तान को सबक सिखाने में 22 मिनट भी नहीं लगे। उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी कैंप को तहस-नहस कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुलवामा में दुस्साहस करने वालों को कीमत चुकाने की बात कही थी।
भारतीय सेना के साहस और पराक्रम को देखकर पाकिस्तान अमेरिका की शरण में पहुंचा
कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कारगिल विजय शहीद दिवस-25 कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि भारतीय सेना के साहस और पराक्रम को देखकर पाकिस्तान अमेरिका की शरण में पहुंचा। भारत एक मोर्चे पर कई देशों से लड़ रहा था। इसके बावजूद भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान की एक नहीं चली। फिर अंत में पाकिस्तान को समर्पण के लिए मजबूर होना पड़ा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कारगिल विजय शहीद दिवस-25 कार्यक्रम में कही।
सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग सत्ता में आने के बाद परिवारवाद के सहारे जातिवाद से सामाजिक ताने-बाने को छिन्न भिन्न करने का काम करते हैं। जब भी हम ऐसी प्रवृत्ति के लोगों के चंगुल में फंसते हैं, हमे बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। हमारे पास योद्धाओं, वैभव और बुद्धि की कमी नहीं है, लेकिन उस दौरान कुछ लोगों ने अपने हित के लिए देश को बांटने का काम किया, जिससे देश गुलाम हुआ। आज भी कुछ राजनीतिक दल बांटने का काम कर रहे हैं। उस दौरान भी विभाजन हमारी कमजोरी था।
पाकिस्तान ने थोपा था कारगिल युद्ध, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन भारत के महान वीर सपूतों को याद करने का दिन है। इस दिन भारत ने ऑपरेशन विजय को पूर्ण करते हुए पाकिस्तान को धूल चटाकर दुनिया को हैरान कर दिया था। हम भारत के उन वीर सपूतों को नमन करते हैं। ये दिन भारत की सेना के शौर्य का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तान ने भारत पर थोपा था जिसका मुंहतोड़ जवाब हमारे वीर जवानों ने दिया। हम सब जानते हैं कारगिल का युद्ध पाकिस्तान के द्वारा थोपा गया युद्ध था
अग्निवीर के रिटायर होने के बाद पुलिस बल में 20 प्रतिशत का आरक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा जवान किसी भी युद्ध या सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद होता है, तो राज्य सरकार की ओर उसके परिवार को आज 50 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है। साथ ही उस परिवार के एक सदस्य की नौकरी भी व्यवस्था सुनिश्चित की है। इसके अलावा 2017 से हमारी सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि शहीद होने वाले जवान की स्मृति को आगे बढ़ाने के लिए जिस गांव, नगर, कस्बे का वह जवान होगा, वहां पर एक भव्य स्मारक, इंस्टीट्यूट या किसी मार्ग का नामकरण उस जवान के नाम पर करेंगे।
मुख्यमंत्री और मेयर ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत के संकल्प को इसलिए ही आगे बढ़ा पा रहे हैं क्योंकि आज देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। सरकार ने तय किया है कि अग्नि वीर के रूप में जो जवान देश की सेनाओ में योगदान दे रहे हैं, उन्हे उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की गयी है। कार्यक्रम में मंच पर मुख्यमंत्री और मेयर ने शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। कैप्टन मनोज पांडेय, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी, रायफल मैन सुनील जंग और मेजर रितेश शर्मा के परिजन कार्यक्रम में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की मेयर सुषमा खर्कवाल ने अगवानी की। सीएम के पहुंचते ही शहर के कॉलेज की छात्राओं ने ‘बेटी हिंदुस्तान की’ गाने पर प्रस्तुति दी।
भारत के पास कितनी फौजें हैं?
थल सेना (Indian Army) – ज़मीनी सुरक्षा के लिए
जल सेना (Indian Navy) – समुद्री सुरक्षा के लिए
वायु सेना (Indian Air Force) – वायु क्षेत्र की सुरक्षा के लिए
भारत में 3 बलों का कमांडर कौन है?
भारत में तीनों सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है:
भारत के राष्ट्रपति (President of India)
लेकिन प्रशासनिक और संचालन स्तर पर:
- Chief of Defence Staff (CDS): तीनों बलों के तालमेल और रणनीति के लिए ज़िम्मेदार होता है।
- हर बल का अपना प्रमुख होता है:
- थल सेना – Chief of the Army Staff
- वायु सेना – Chief of the Air Staff
- जल सेना – Chief of the Naval Staff
आर्मी की 1 महीने की सैलरी कितनी होती है?
भारतीय सेना में सैलरी रैंक के अनुसार अलग-अलग होती है।
उदाहरण के लिए:
रैंक | अनुमानित मासिक सैलरी (₹) |
---|---|
सिपाही (Sepoy) | ₹25,000 – ₹30,000 |
नायक / हवलदार | ₹30,000 – ₹45,000 |
लेफ्टिनेंट (Officer) | ₹56,100 + भत्ते |
कर्नल (Colonel) | ₹1,30,000 + भत्ते |
ब्रिगेडियर से ऊपर | ₹1.5 लाख – ₹2.5 लाख तक |
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