वाशिंगटन। भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने की मुहिम शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भारत का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार सुबह टोक्यो पहुंचा। यह प्रतिनिधिमंडल 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देगा। इस दौरान जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया गणराज्य और सिंगापुर के नेताओं के साथ बैठकें होगी।
25 देशों की यात्रा कर रहा है सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
भारत का यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 25 देशों की यात्रा कर रहा है। इस यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा करेगा। अमेरिका के पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन ने भारत के इस कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा, “भारत के लिए दुनिया भर के लोगों को शिक्षित करना और यह बताना जरूरी है कि पहलगाम में आतंकवादी हमला किस तरह का था। निर्दोष नागरिकों को आतंकवादी हमलों से धमकाया जाना और उन्हें नुकसान पहुंचाया जाना अस्वीकार्य है।
भारत ने देश भर में काफी आतंकवादी हमले झेले हैं
उन्होंने इस बात को भी बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के बजाए अलग-अलग देशों का दौरा क्यों चुना। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र में, लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना हमेशा मुश्किल रहा है क्योंकि एक व्यक्ति का आतंकवादी दूसरे व्यक्ति के लिए मुक्ति आंदोलन होता है। भारत ने देश भर में काफी आतंकवादी हमले झेले हैं। यह दूसरों को यह समझाने और उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से एक अच्छी जगह है कि यह धागा क्या है।
कबाड़ हैं तुर्की के ड्रोन
यूएस के पूर्व एनएसए ऑपेरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भी भारत पर जमकर ड्रोन हमले किए थे। इस जंग में तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। तुर्की ने अपने ड्रोन से पाकिस्तान को खूब मदद किया था। मगर खास बात ये रही कि पाकिस्तान के सभी ड्रोन को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया था।
एनएसए बॉल्टन ने तुर्की ड्रोन का इस्तेमाल करने और पाकिस्तान को तुर्की के सैन्य समर्थन पर कहा कि भारत को परेशान होने की जरूरत नहीं है। तुर्की के ड्रोन ज्यादा एडवांस्ड भी नहीं हैं और कबाड़ से ज्यादा कुछ नहीं हैं। एर्दोगन ने दुनिया भर में अपनी महत्वाकांक्षाएं फैला रखी हैं। अब वह खुद की नई आकांक्षाएं पाल रहे हैं।
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