21 अगस्त 2025 को भारत सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस MK-1A फाइटर जेट्स की आपूर्ति के लिए ₹62,000 करोड़ की डील को मंजूरी दी। यह भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पुराने मिग-21, मिग-23, और मिग-27 जेट्स को बदलने और स्क्वाड्रन की कमी को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।
वर्तमान बेड़ा और तेजस का योगदान
– वर्तमान स्थिति: भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 31 स्क्वाड्रन हैं, जो 600-620 फाइटर जेट्स के बराबर है। इसमें सुखोई Su-30 MKI (लगभग 260 जेट्स), राफेल (36), मिग-29, मिराज 2000, जगुआर, और तेजस MK-1 (40 जेट्स) शामिल हैं। हालांकि, यह संख्या 42 स्क्वाड्रन (लगभग 750-800 जेट्स) के स्वीकृत लक्ष्य से कम है।
तेजस MK-1A का प्रभाव: 97 नए तेजस MK-1A जेट्स के शामिल होने के बाद, IAF का तेजस बेड़ा (MK-1 और MK-1A) 220 जेट्स तक पहुंच जाएगा, जो लगभग 10 स्क्वाड्रन के बराबर होगा। कुल मिलाकर, IAF का बेड़ा 33-34 स्क्वाड्रन (600-620 जेट्स) तक मजबूत होगा।
मिग-21 की जगह: सितंबर 2025 में आखिरी दो मिग-21 स्क्वाड्रन (नंबर 3 ‘कोबरा’ और नंबर 23 ‘पैंथर्स’) रिटायर हो जाएंगे, जिससे स्क्वाड्रन की संख्या 29 तक कम हो जाएगी। इनकी जगह तेजस MK-1A लेगा, जो नाल एयर बेस, राजस्थान में तैनात होंगे
डिलीवरी और उत्पादन
– पहले का ऑर्डर: 2021 में IAF ने 83 तेजस MK-1A जेट्स के लिए ₹48,000 करोड़ की डील साइन की थी, जिसकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन GE F404 इंजन की आपूर्ति में देरी और सर्टिफिकेशन की समस्याओं के कारण यह 2025-26 तक टल गई।
नया ऑर्डर: 97 अतिरिक्त तेजस MK-1A की डिलीवरी 2035 तक पूरी होगी। HAL ने 2025 के अंत तक 12 जेट्स और 2029 तक 83 जेट्स की डिलीवरी का वादा किया है। बेंगलुरु और नासिक की तीन प्रोडक्शन लाइनें सालाना 16-24 जेट्स बना सकती हैं।
60 स्क्वाड्रन का लक्ष्य: IAF ने 2047 तक अपने बेड़े को 60 स्क्वाड्रन (लगभग 1,080-1,200 जेट्स) तक बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें तेजस MK-1, MK-1A, MK-2, और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) शामिल होंगे।
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