Indus Water Treaty : ‘भारत का पानी भारत के हक में बहेगा’

भारत

पाकिस्तान से तनाव के बीच गरजे भारत के पीएम मोदी

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान पर शिकंजा कसता जा रहा है। सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने न्यूज चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत के हक का पानी अब भारत के हक में ही बहेगा। पीएम मोदी ने कहा, “पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी भारत के हक में बहेगा। भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।”

Advertisements

पीएम मोदी ने कहा, “दशकों से हमारी नदियों का पानी तनाव और संघर्ष का विषय रहा है, लेकिन हमारी सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर नदियों को जोड़ने का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना से लाखों किसानों को लाभ मिलेगा।”

Advertisements

भारत के पास संसाधन हैं और देश के पास इच्छाशक्ति भी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज चैनल के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “इस समिट में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं की मौजूदगी अपने आप में अनूठी है। ये बदलते Hindustan का प्रतिबिंब है, जो हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ बुलंद कर रहा है। इस बदलते Hindustan का सबसे बड़ा सपना है- 2047 तक विकसित भारत। देश के पास सामर्थ्य है, देश के पास संसाधन हैं और देश के पास इच्छाशक्ति भी है।”

भारत तभी आगे बढ़ता है जब राष्ट्र को सर्वोपरि रखा जाता है : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “एक समय था जब कोई भी जरूरी कदम उठाने से पहले लोग सोचते थे कि दुनिया क्या सोचेगी…वो सोचते थे कि उन्हें वोट मिलेगा या नहीं, उनकी सीट सुरक्षित रहेगी या नहीं…इन महत्वपूर्ण कदमों के कारण, बड़े-बड़े सुधारों को टाला जाता रहा…कोई भी देश ऐसे आगे नहीं बढ़ सकता…देश तभी आगे बढ़ता है जब राष्ट्र को सर्वोपरि रखा जाता है।” “हमारी सरकार ने एक के बाद एक ऐसा निर्णय लिया है जो दशकों से लटके, अटके, और भटके थे।”

पहले सरकार में माई-बाप कल्‍चर हावी था : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहले सरकार में माई-बाप कल्‍चर हावी था, अब सेवा भाव से काम होता है। सरकार खुद नागरिक की सेवा के लिए तत्पर है। पीएम मोदी ने कहा- एक समय था कि अब अपने डॉक्यूमेंट में अटेस्टेड कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। अब आप खुद अटेस्ट करके कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *