इंडसइंड बैंक एक बार फिर विवादों में है। गुरुवार को बैंक की ओर से शेयर बाजार (Stock Market) को दी गई सूचना में कहा गया कि फाइनेंशियल ईयर 2025 की पहली तीन तिमाहियों में ₹674 करोड़ की राशि को गलती से ब्याज आय के रूप में प्रविष्ट किया गया था।
कहां और कैसे हुई ये गड़बड़ी?
- यह गलती बैंक के माइक्रोफाइनेंस ट्रेड की ऑडिटिंग के दौरान सामने आई।
- यह अनियमितता बैंक के आंतरिक ऑडिट विभाग द्वारा पड़ताल के दौरान पकड़ी गई।
- बैंक ने दावा किया है कि 10 जनवरी 2025 को इस गड़बड़ी को सुधार लिया गया था।
इंडसइंड बैंक: शेयरों पर भारी असर, 27% की गिरावट
- जैसे ही 10 मई को इस खबर को सार्वजनिक किया गया,
- बैंक के शेयरों में एक ही दिन में 27% की बड़ी गिरावट देखी गई।
- इससे निवेशकों को भारी हानि हुआ और बैंक की छवि को गहरा धक्का लगा।

टॉप मैनेजमेंट में उथल-पुथल
- इस घोटाले के बीच बैंक के एमडी और सीईओ सुमंत कथपालिया ने पदत्याग दे दिया।
- साथ ही डिप्टी सीईओ अरुण खुराना (Arun Khurana)ने भी पद छोड़ दिया।
- प्रतिवेदन के मुताबिक, इन दोनों के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो विवाद में शामिल होने की आशंका है।
जांच और ऑडिट रिपोर्ट के अहम बिंदु
- आंतरिक ऑडिट में सामने आया कि ₹595 करोड़ की राशि बिना प्रलेख के प्रविष्ट की गई थी।
- बाद में इस राशि को ‘अन्य देनदारियों’ में समायोजित किया गया।
- बैंक ने कहा कि ऑडिट कमेटी को व्हिसलब्लोअर से मिली शिकायत के बाद पड़ताल आरंभ हुई थी।