Inflation मई में खुदरा महंगाई 2.82% पर, 6 साल का निचला स्तर आर्थिक मोर्चे पर बड़ी राहत
मई 2025 में Inflation यानी खुदरा महंगाई दर घटकर 2.82% पर आ गई है, जो कि पिछले 6 वर्षों में सबसे निचला स्तर है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। उपभोक्ताओं से लेकर नीति निर्माताओं तक, सभी के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
क्यों घटी महंगाई?
महंगाई में इस गिरावट के पीछे कई अहम कारण हैं:
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता
- सब्ज़ियों, फल और दालों की कीमतों में कमी
- ईंधन कीमतों पर नियंत्रण और कच्चे तेल की वैश्विक दरों में स्थिरता
- आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और मांग में स्थिरता

RBI के दृष्टिकोण से क्या मायने?
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की महंगाई नियंत्रण की नीति का यह सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है
- इससे आने वाले महीनों में रेपो रेट में बदलाव की संभावनाएं बढ़ सकती हैं
- उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी की भी उम्मीद है, जिससे विकास दर को बल मिलेगा
किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा राहत?
- खाद्य और पेय पदार्थ: महंगाई दर घटकर 1.9% पर
- ईंधन और बिजली: कीमतों में संतुलन और सब्सिडी का असर
- हाउसिंग और कपड़े: इन क्षेत्रों में भी सीमित मूल्य वृद्धि देखी गई

आम जनता पर असर
- रोजमर्रा की ज़रूरत की चीज़ें सस्ती हुई हैं
- मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग को सीधी राहत
- EMI और ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं बढ़ीं
Inflation का 2.82% पर आना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। महंगाई दर में आई यह गिरावट दर्शाती है कि सरकार और RBI की संयुक्त कोशिशें रंग ला रही हैं। यदि यह ट्रेंड बना रहता है, तो आने वाले समय में आर्थिक गतिविधियों में तेजी और स्थिरता दोनों देखने को मिल सकती हैं।