निवेशकों के लिए 19% तक का फायदा
नई दिल्ली: देश(India) की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस(Infosys) ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा शेयर बायबैक कार्यक्रम घोषित किया है। कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपये तक के शेयर पुनर्खरीद की मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम के तहत कंपनी प्रति शेयर 1,800 रुपये के भाव पर खरीद करेगी, जो मौजूदा बाजार भाव की तुलना में करीब 19% अधिक है। इस कदम से शेयरधारकों को मजबूत लाभ मिलने की संभावना है।
बायबैक से निवेशकों को फायदा
इन्फोसिस(Infosys) बोर्ड ने इस योजना को शेयरधारकों की मंजूरी के लिए रखा है। बायबैक प्रोग्राम के अनुसार, कंपनी लगभग 10 करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी जो उसकी कुल चुकता पूंजी का 2.41% हिस्सा है। शेयरों की संख्या कम होने से बाजार में उपलब्धता घटेगी और शेष शेयरों का मूल्य बढ़ सकता है।
इस प्रक्रिया से कंपनी की प्रति शेयर आय(EPS) बेहतर होगी और निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम इन्फोसिस की पूंजी प्रबंधन रणनीति का हिस्सा है और इसका सीधा फायदा छोटे-बड़े सभी निवेशकों को मिलेगा।
पिछली पुनर्खरीद और मौजूदा कार्यक्रम
इन्फोसिस(Infosys) पहले भी कई बार शेयर बायबैक कर चुकी है। वर्ष 2017, 2019, 2021 और 2022 में कंपनी ने पुनर्खरीद की थी। 2022 में लगभग 9,300 करोड़ रुपये और 2021 में करीब 9,200 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीदे गए थे।
हालांकि, इस बार का बायबैक अब तक का सबसे बड़ा है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण इस समय करीब छह लाख करोड़ रुपये के आसपास है। निवेशक इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं क्योंकि इससे दीर्घकालिक मूल्यवृद्धि की संभावना बढ़ती है।
इन्फोसिस बायबैक से शेयरधारकों को क्या लाभ होगा?
कंपनी द्वारा ऊंचे भाव पर शेयर खरीदने से निवेशकों को तत्काल प्रीमियम लाभ मिलेगा। इसके अलावा, बाजार में शेयरों की संख्या घटने से शेष शेयरों का मूल्य और कंपनी की प्रति शेयर आय बढ़ेगी।
कंपनी के पिछले बायबैक कार्यक्रमों से क्या संकेत मिलता है?
पिछले अनुभवों से पता चलता है कि हर पुनर्खरीद के बाद शेयर मूल्य में सुधार देखने को मिला है। निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा है, और इसी कारण मौजूदा कार्यक्रम से भी मजबूत रिटर्न की उम्मीद की जा रही है।
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