Politics : गजवेल कांग्रेस में आंतरिक कलह

By Ankit Jaiswal | Updated: August 4, 2025 • 12:01 AM

राशन कार्ड कार्यक्रम के दौरान गुटों में झड़प

सिद्दीपेट। गजवेल कांग्रेस (Congress) के भीतर आंतरिक मतभेद उस समय सामने आ गए जब राशन कार्ड वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रतिद्वंद्वी गुटों में झड़प हो गई, जबकि श्रम मंत्री गद्दाम विवेकानंद असहाय होकर देखते रहे। यह घटना ज़िला प्रशासन द्वारा नए राशन कार्ड वितरित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई। ज़िला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्ष तुमुकुंटा नरसा रेड्डी और उनके पार्टी प्रतिद्वंद्वी बंडारू श्रीकांत राव के बीच तीखी बहस हुई। तनाव तब भड़क उठा जब आत्मा समिति के अध्यक्ष मल्ला रेड्डी, जो श्रीकांत राव के कट्टर समर्थक हैं, ने मंच पर जाने की कोशिश की। उन्हें नरसा रेड्डी के समर्थकों ने रोक दिया, जिन्होंने डीसीसी अध्यक्ष को आमंत्रित किए जाने से पहले उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई। जब मल्ला रेड्डी ने कहा कि वह केवल प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे, तो दोनों गुटों के बीच बहस शुरू हो गई

पार्टी की एकता को बार-बार किया बाधित

यह बहस जल्द ही हाथापाई में बदल गई, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों गुटों को तितर-बितर करके कार्यक्रम को जारी रखने की अनुमति दी गई। हालाँकि मंत्री विवेकानंद ने प्रतिद्वंद्वी नेताओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी पक्ष ने उनकी अपील पर ध्यान नहीं दिया। समर्थकों के एक-दूसरे पर चिल्लाने से सभा स्थल नारों से गूंज उठा। नरसा रेड्डी, जिन्होंने गजवेल से पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ असफल चुनाव लड़ा था, और श्रीकांत राव, जो अगले चुनाव में इसी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं, कई वर्षों से प्रतिद्वंद्वी गुटों का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके बीच चल रहे विवाद ने इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी की एकता को बार-बार बाधित किया है।

कांग्रेस की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में हुई थी। इसका उद्देश्य था अंग्रेजों के शासन में भारतीयों की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना।

कांग्रेस क्या है?

यह भारत की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी है, जिसने आज़ादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद यह कई दशकों तक केंद्र और राज्यों में शासन कर चुकी है।

1969 में कांग्रेस के फुट के क्या कारण थे?

इस विभाजन का मुख्य कारण था इंदिरा गांधी और पार्टी के पुराने नेताओं के बीच विचारधारा और नेतृत्व को लेकर मतभेद। इससे कांग्रेस दो भागों में बंट गई—कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (आई)।

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