International : कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहे मुनीर, भारत के आगे पाकिस्तान का चीनी एयर डिफेंस सिस्टम फुस्स

By Kshama Singh | Updated: May 8, 2025 • 8:47 PM

भारत ने 7 और 8 मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत पर जबरन जंग थोपने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को भारत की सेना रियल टाइम मुंहतोड़ जवाब दे रही है। इस बीच लाहौर और अन्य शहरों में लगे चीन के एयर डिफेंस सिस्टम को भारत के ड्रोन और अन्य मिसाइलों ने आसानी से भेद दिया। इस तरह भारत से जंग जीतने का सपना देख रहा पाकिस्तान पिट रहा है लेकिन गाल चीन के लाल हो रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सीमापार यानी एलओसी के ऊस पार मेड इन चाइना हथियारों की पोल खुल रही है।

भारत बनाम पाकिस्तान : फुस्स साबित हुआ चीनी एयरडिफेंस सिस्टम

दुनिया में रिवर्स इंजीनियरिंग का माहिर यानी दूसरे देशों की टेक्नालजी चुराकर नए नाम से अपना बताकर पेटेंट का दावा ठोकने वाला चालबाज चीन, पाकिस्तान को लंबे समय से घटिया युद्ध उपकरण बेच रहा है। चीनी सामान यानी चीनी बम मिसाइलें महज दीवाली वाले बम पटाखों जैसे नजर आ रहे हैं। चीन अपने HQ-9 सिस्टम को रूस के एस-400 और अमेरिका के THAAD की टक्कर का बताता था। लेकिन भारत के 15 शहरों पर जब पाकिस्तान ने मिलाइलें दागी तो भारत ने रिटैलियेट करते हुए लाहौर में लगे इसी एयर डिफेंस सिस्टम को भेद दिया।

भारत बनाम पाकिस्तान : क्या है HQ-9 जिसकी मार्केट में कई सीरीज़

चीन द्वारा आपूर्ति की गई पाकिस्तान की HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली की तुलना अक्सर रूसी S-300 से की जाती है। पाकिस्तान में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक जैमर भी स्पष्ट रूप से अप्रभावी रहे। पश्चिमी देशों का मानना है कि चीन ने अपने इस मिसाइस डिफेंस सिस्टम HQ-9 को रूस के S-300 सिस्टम और अमेरिका के पेट्रियट सिस्टम की टेक्नोलॉजी को चुराकर यानी रिवर्स इंजीनियरिंग के दम पर बनाया था।

चीन ने जब इसे दुनिया के सामने पेश किया था तब कहा था कि ये बहुत घातक है। इसकी रेंज 100 से 250 किलोमीटर तक बताई गई थी। इसके कई वैरिएंट HQ-9A, HQ-9B, HQ-9BE हैं। चीन का दावा है कि उसका यह एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका क्रूज मिसाइलों, ड्रोन्स और यहां तक कि बैलिस्टिक मिसाइलें भी इंटरसेप्ट कर सकता है। भारत की जवाबी कार्रवाई में चीन का यही एयर डिफेंस सिस्टम मिट्टी में मिल गया है। चीन का ये दावा कि ये एयर डिफेंस सिस्टम AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता है, वो फेल हो गया है।

HQ-9 कैसे विफल हुआ?

आश्चर्य की बात यह है कि यह कैसे संभव हुआ? भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाने के लिए SCALP मिसाइलों का इस्तेमाल किया। जिनकी रेंज 500 किलोमीटर से अधिक होती है। ये मिसाइलें स्टील्थ कोटिंग, टेरेन-फॉलोइंग फ्लाइट पाथ और कम रडार क्रॉस-सेक्शन का उपयोग करती है। जिससे रडार सिस्टम के लिए इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, भारत ने ऑपरेशन लॉन्च करने की टाइमिंग जैसे मध्यरात्रि के समय का सही इस्तेमाल और देशभर में मॉकड्रिल का माहौल बनाकर स्ट्राइक से पहले एक जबर्दस्त कार्ड खेला, जिसका पता पाकिस्तान नहीं लगा पाया।

कहां-कहां लगा है चीनी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी फौज के कारिदों ने समुद्री सीमाओं खासकर कराची, ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा के लिए तैनात किया था। इसके बाद रावलपिंडी और इस्लामाबाद जैसे संवेदनशील सैन्य ठिकानों की सुरक्षा के लिए इस सिस्टम को तैनात किया गया था। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने भारत के पास मौजूद मेड इन फ्रांस राफेल, Su-30MKI और अग्नि, ब्रह्मोस जैसे विनाशक हथियारों से अपनी रक्षा करने के लिए इसे खरीदा था लेकिन जब भारत के महज ड्रोन हमलों में पाकिस्तान का चीनी डिफेंस सिस्टम मटियामेट हो गया तो समझा जा सकता है कि अब पाकिस्तान ज्यादा दिन भारत के आगे टिक नहीं सकता।

ऑपरेशन सिंदूर जारी है…

बुधवार की सुबह भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को बड़ा झटका देते हुए बहावलपुर और मुरीदके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। उस समय भी पाकिस्तान की चीनी निर्मित HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली की एक गंभीर विफलता को भी उजागर किया था।

भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान हवाई क्षेत्र को कैसे पार किया?

भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार की दोपहर को कहा ऑपरेशन सिंदूर जारी है। भारतीय सेना, इंडियन एयरफोर्स और नेवी के इस संयुक्त ऑपरेशन की सबसे खास बात ये रही कि किसी भी शहर में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं किया गया। भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को बिना पकड़े पार कर लिया, जिससे न केवल पाकिस्तान की घटिया रडार कवरेज का खुलासा हुआ, वहीं उसकी एंटी मिसाइल क्षमताओं की नाकामी का भी पता चला। इस घटनाक्रम न केवल पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को शर्मिंदा किया , बल्कि मेड इन चाइना HQ-9 प्रणाली की बहुप्रचारित क्षमताओं पर भी संदेह पैदा करते हुए उसका नाम खराब कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर में टेररिस्ट ऑर्गनाइजेश जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कैंप ध्वस्त हो गए। 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के बाद ये दूसरा मौका था जब भारतीय गाइडेड हथियारों ने मेड इन चाइना एयर डिफेंस सिस्टम की खामियों को उजागर कर दिया। चीन और उसकी सेना पीएलए दोनों का नाम खराब हो गया।

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