वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 50% टैरिफ लगाने के फैसले ने अमेरिका में ही विवाद खड़ा कर दिया है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रट्स (Democrats) ने ट्रंप की नीति पर तीखी आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि भारत को निशाना बनाने के बजाय चीन पर समान प्रतिबंध क्यों नहीं लगाए गए, जो रूस से कहीं अधिक तेल खरीदता है। डेमोक्रट्स ने इसे “अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला” और “अमेरिकियों के लिए हानिकारक” करार दिया।
कमेटी ने अपने बयान में कहा, “ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह यूक्रेन संकट से जुड़ा भी नहीं लगता।” उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि चीन, जो रूस का सबसे बड़ा तेल आयातक है, बिना किसी प्रतिबंध के रियायती दरों पर तेल खरीद रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी 6 अगस्त को इस कदम को “अनुचित और अन्यायपूर्ण” बताया, यह कहते हुए कि भारत का तेल आयात 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा के लिए है।
ट्रंप प्रशासन के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को “मोदी का युद्ध” कहकर और रूसी तेल खरीद को युद्ध मशीनरी को बढ़ावा देने वाला बताया, जिससे तनाव और बढ़ गया। डेमोक्रट्स ने चेतावनी दी कि यह कदम पिछले 25 वर्षों से चली आ रही अमेरिका-भारत साझेदारी को कमजोर कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति भारत को रूस और चीन के करीब ले जा सकती है, जो अमेरिका के रणनीतिक हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। भारत ने जवाब में अपनी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही है।