वाशिंगटन। यूक्रेन में तबाही मचाने के लिए रूस जिन शाहेद-136 ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, उस पर अब अमेरिका भी लटूट हो गया है। रूस को ये ड्रोन ईरान (Drone Iran) से मिला हैं। अमेरिका (America) और उसके सहयोगी अब शाहेद की तर्ज पर ही ड्रोन बनाने में लगे हैं। इसके पीछे वजह है इन ड्रोन की कम लागत। अमेरिका चाहता है कि कम लागत में ऐसे ड्रोन तैयार हों जो लंबी दूरी तक वार कर सकें।
मिसाइलों से सस्ते और खतरनाक
अमेरिका के पास फिलहाल जो भी लंबी दूरी की मिसाइलें (Missile) हैं, उनकी लागत बहुत ज्यादा है। वहीं ईरान के शाहेद ड्रोन बड़ी संख्या में एक साथ छोड़े जा सकते हैं।
हमला करने के लिए डिजाइन
शाहेद-136 ईरान निर्मित ड्रोन हैं जो मुख्य रूप से हमले के लिए तैयार किए गए हैं। ये हथियार के तौर पर इस्तेमाल होते हैं और मिसाइल की तरह लक्ष्य पर पहुंचकर भारी विस्फोट करते हैं।
2020 में हुआ पहला इस्तेमाल
साल 2020 में ईरान ने इस ड्रोन को पहली बार इस्तेमाल किया था। इसकी रेंज 2 हजार से 2500 किलोमीटर तक होती है और यह 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।
एक साथ कई ड्रोन लॉन्च
यह ड्रोन आम तौर पर बड़ी संख्या में एक साथ लांच किया जाता है। एक ड्रोन 40 से 50 किलो विस्फोटक लेकर चल सकता है और अकेले ही किसी इमारत या सैन्य अड्डे को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है।
स्वॉर्म अटैक की रणनीति
यह ड्रोन प्रोपेलर से चलता है और 3 से 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है। ईरान इनका इस्तेमाल स्वॉर्म अटैक यानी एक साथ कई जगहों पर हमला करने के लिए करता है।
यूक्रेन में कितने हिंदू रहते हैं?
यूक्रेन की जनसंख्या का लगभग 0.1% (लगभग 44,000 लोग) हिंदू धर्म मानते हैं। इनमें से अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) के अनुयायी हैं।
यूक्रेन का मुख्य धर्म क्या है?
यूक्रेन मुख्यतः एक रूढ़िवादी ईसाई देश है, जहाँ कुछ उल्लेखनीय धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी है। धर्म ने यूक्रेन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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