International : खगोलविदों ने ब्रह्मांड में खोजा दुर्लभ स्टार सिस्टम

By Anuj Kumar | Updated: August 29, 2025 • 10:23 AM

वाशिंगटन। खगोलविदों ने ब्रह्मांड में एक ऐसा दुर्लभ और अद्भुत स्टार सिस्टम (Star System) खोजने का दावा किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। यह सिस्टम पृथ्वी से करीब 82 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है और इसका नाम यूपीएम जे1040−3551 आबबाब रखा गया है।

पहला ज्ञात क्वाड्रपल सिस्टम

यह पहला ऐसा ज्ञात क्वाड्रपल सिस्टम है जिसमें दो युवा रेड ड्वार्फ स्टार्स और उनके चारों ओर घूमते दो ब्राउन ड्वार्फ्स शामिल हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज ब्राउन ड्वार्फ्स यानी ‘फेल्ड स्टार्स’ (Feld Stars) के रहस्यों को सुलझाने में अहम साबित हो सकती है।

ब्राउन ड्वार्फ्स : अधूरे तारे

ब्राउन ड्वार्फ्स को खगोल विज्ञान की दुनिया का सबसे रहस्यमयी पिंड माना जाता है। इनमें इतना द्रव्यमान नहीं होता कि हाइड्रोजन से हीलियम में बदलने वाली न्यूक्लियर फ्यूज़न प्रक्रिया शुरू हो सके। इसी कारण इन्हें ‘नकली तारे’ या ‘अधूरे तारे’ कहा जाता है। समय के साथ ये ठंडे होते जाते हैं और वैज्ञानिक अब तक इनके विकासक्रम को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

ब्रह्मांडीय नृत्य जैसा सिस्टम

इस सिस्टम में दोनों रेड ड्वार्फ्स और दोनों ब्राउन ड्वार्फ्स अलग-अलग जोड़ियों में हैं। जहां उनकी अपनी परिक्रमा कुछ दशकों में पूरी हो जाती है, वहीं सभी मिलकर एक कॉमन सेंटर ऑफ मास की परिक्रमा करने में एक लाख साल से ज्यादा का समय लेते हैं। वैज्ञानिकों ने इसे एक ब्रह्मांडीय नृत्य की तरह बताया है।

आंखों से नहीं दिखते ये तारे

ये तारे इतने धुंधले हैं कि नंगी आंखों से नहीं दिखते। रेड ड्वार्फ्स को करीब 1.5 प्रकाश-वर्ष दूरी तक देखा जा सकता है, जबकि ब्राउन ड्वार्फ्स 1,000 गुना ज्यादा धुंधले होते हैं और केवल इन्फ्रारेड तकनीक में ही दिखाई देते हैं। इस खोज में ESA के गाइया स्पेसक्राफ्ट और (NASA) के वाइज मिशन की अहम भूमिका रही।

तापमान और संरचना का अध्ययन

इस खोज की सबसे खास बात यह है कि अब वैज्ञानिक ब्राउन ड्वार्फ्स की उम्र, द्रव्यमान, तापमान और संरचना का सटीक अध्ययन कर सकेंगे।

भविष्य की संभावनाएं

यह पहली बार है जब दो T-टाइप ब्राउन ड्वार्फ्स, दो रेड ड्वार्फ्स की परिक्रमा करते पाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग तकनीक से इन ब्राउन ड्वार्फ्स का द्रव्यमान और गति और अधिक सटीकता से मापा जा सकेगा।

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