कीव । फ्रांस और यूक्रेन के बीच हुए 100 राफेल फाइटर जेट (Rafel Fighter Jet) के करार का उद्देश्य यूक्रेन की हवाई रक्षा क्षमता को मजबूत करना है ताकि वह रूस के हवाई हमलों का प्रभावी मुकाबला कर सके। यह समझौता यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच विला कुबले सैन एयरबेस पर हुआ।
2026 से मिलना शुरू होंगे राफेल, 10 साल में पूरी डिलीवरी
राफेल जेट 2026 से यूक्रेन को मिलने शुरू होंगे और अगले 10 साल में सारे 100 विमान सौंप दिए जाएंगे। इनके अलावा यूक्रेन को कई अन्य आधुनिक हथियार भी दिए जाएंगे।
यूक्रेन को मिलेंगे ये अतिरिक्त हथियार
- आठ SAMP/T एयर डिफेंस सिस्टम
- एडवांस रडार सिस्टम
- एयर-टू-एयर मिसाइलें
ये सभी हथियार यूक्रेन की वायु क्षमता को कई गुना बढ़ाने में मदद करेंगे।
रूस के हवाई हमलों को देगा कड़ा जवाब
राफेल जेट मिलने से यूक्रेन की हवाई रक्षा और जवाबी हमले की क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा।
- रूस के लगातार ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकना आसान होगा।
- जवाबी कार्रवाई ज्यादा ताकतवर और सटीक हो सकेगी।
- राफेल, रूस के उन्नत SU-35 जेट का प्रभावी मुकाबला कर सकता है।
पुराने सोवियत जेट्स की तुलना में राफेल आधुनिक एवियोनिक्स और हाई-एंड हथियारों से लैस है।
फ्रांस का दावा—यूक्रेन मजबूत होगा तो रूस हमला नहीं करेगा
डील पर प्रतिक्रिया देते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना को और मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा—
“यूक्रेन मजबूत होगा तो रूस हमला नहीं करेगा।”
फ्रांस का यह कदम रूस द्वारा की जा रही लगातार बमबारी के बीच यूक्रेन की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
फरवरी 2022 से जारी जंग में पेरिस की ज़ेलेंस्की की 9वीं यात्रा
फरवरी 2022 में रूस (Russia) के आक्रमण के बाद से यह ज़ेलेंस्की की फ्रांस की नौवीं यात्रा है। उनका मुख्य उद्देश्य फ्रांस समेत यूरोपीय देशों से अतिरिक्त सुरक्षा और रक्षा सहयोग सुनिश्चित करना है, क्योंकि रूस यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और अन्य बड़े ठिकानों पर लगातार हमले कर रहा है।
क्या जल्द खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग?
युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन समाप्ति के कोई संकेत नहीं दिख रहे। रूस लगातार बड़े पैमाने पर हमले कर रहा है, जबकि यूक्रेन भी जवाबी कार्रवाई जारी रखे हुए है। ऐसे में राफेल डील को युद्ध के भविष्य का महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
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