Breaking News: Iran: ईरान की करेंसी में बदलाव

By Dhanarekha | Updated: October 6, 2025 • 1:58 PM

चार ज़ीरो हटाने का फैसला

तेहरान: ईरान(Iran) ने अपनी राष्ट्रीय मुद्रा रियाल से चार ज़ीरो (0000) हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसका मतलब है कि अब 10,000 रियाल सिर्फ 1 रियाल के बराबर होगा। यह कदम लंबे समय से चली आ रही 35% से अधिक की अत्यधिक महंगाई के कारण उठाया गया है, जिसने रियाल के मूल्य को बहुत कम कर दिया है। वर्तमान में, डॉलर के मुकाबले रियाल की कीमत लगभग 11,50,000 रियाल(Riyal) प्रति डॉलर तक पहुँच चुकी है। सरकार ने इस बदलाव को लागू करने के लिए सेंट्रल बैंक को दो साल का समय दिया है, जिसके बाद तीन साल की अवधि के लिए पुरानी और नई दोनों मुद्राएं उपयोग में रहेंगी

महंगाई और अवमूल्यन का दबाव

ईरान(Iran) की अर्थव्यवस्था 1979 की इस्लामिक क्रांति(Islamic revolution) के बाद से ही चुनौतियों का सामना कर रही है। आयात ज्यादा और निर्यात कम होने के कारण महंगाई लगातार बढ़ती रही। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों—खासकर तेल निर्यात, बैंकिंग और शिपिंग पर—ने विदेशी मुद्रा (डॉलर, यूरो) की कमी को और गहरा दिया। इससे रियाल का मूल्य तेजी से गिरता गया, और 2023-2025 के बीच महंगाई 90% तक पहुँच गई। चार ज़ीरो हटाने का फैसला इसी अवमूल्यन का सीधा परिणाम है, जिससे लेनदेन में बड़ी संख्याओं की जटिलता को कम किया जा सके।

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लेनदेन और मनोवैज्ञानिक लाभ

इस बदलाव का सबसे बड़ा तात्कालिक लाभ लेनदेन में आसानी है। जहाँ पहले किसी वस्तु के लिए 10,00,000 रियाल की आवश्यकता होती थी, वहीं अब वह केवल 100 रियाल में मिल जाएगी। इससे न केवल बैंकिंग और डिजिटल भुगतान प्रणालियों में बड़ी संख्याओं के प्रबंधन की जटिलता कम होगी, बल्कि लोगों पर एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ेगा। छोटी संख्याएँ होने से लोगों को मुद्रा का मूल्य समझने और अपनी वित्तीय योजना बनाने में सुविधा होगी।

सीधा आर्थिक असर नहीं

यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह सुधार केवल मुद्रा की इकाइयों को बदलता है, न कि उसका वास्तविक मूल्य। संसद की आर्थिक समिति के प्रमुख शम्सोल्दीन हुसैन के अनुसार, मुद्रा का नाम ‘रियाल’ ही रहेगा। यदि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक आर्थिक सुधार नहीं किए गए, तो मुद्रा का मूल्य कम होता रहेगा। यह कदम आर्थिक संकट का समाधान नहीं, बल्कि उसके प्रबंधन को आसान बनाने का प्रयास है।

ईरान की मुद्रा से ज़ीरो हटाने के पीछे मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण अत्यधिक महंगाई है, जो लंबे समय से 35% से अधिक बनी हुई है। इस महंगाई और अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रियाल का मूल्य बहुत कम हो गया है। ज़ीरो हटाने से लेनदेन में उपयोग होने वाली बड़ी संख्याओं की जटिलता कम होगी और बैंकिंग तथा डिजिटल पेमेंट आसान हो जाएंगे।

ईरान के अलावा और किन देशों ने अपनी करेंसी से शून्य हटाए हैं?

ईरान(Iran) के अलावा कई देश, जिन्होंने अत्यधिक महंगाई का सामना किया है, ऐसे कदम उठा चुके हैं। इनमें प्रमुख हैं:
तुर्की (2005 में 6 शून्य हटाए)
वेनेजुएला (कई बार शून्य हटाए)
ब्राजील (1990 के दशक में शून्य हटाए)
जिम्बाब्वे (कई बार शून्य हटाए, बाद में विदेशी मुद्रा का उपयोग करना पड़ा)

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