Latest News : रूस से तेल खरीद पर हमारा उद्देश्य भारत को सजा देना नहीं है

By Surekha Bhosle | Updated: September 25, 2025 • 11:38 AM

नई दिल्ली: अमेरिका ने भारत पर हाल ही में 50 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया. यह टैरिफ (Oil from Russia) रूस से तेल खरीदने के चलते लगाया गया. इसी के बाद अब अमेरिका के मंत्री का एक ऐसा बयान सामने है जिसमें उन्होंने भारत को (America) अमेरिका का शानदार सहयोगी कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम भारत को सजा नहीं देना चाहते. अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने बुधवार को कहा कि उनका देश अपने शानदार सहयोगी भारत के साथ ऊर्जा सहयोग का विस्तार करना चाहता है, जिसमें प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु ऊर्जा और खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन शामिल हैं

राइट ने भारत की तारीफ करते हुए कहा, जब मैं इस पद पर आया, तब से मेरा ज्यादातर समय भारत के साथ काम करने में बीता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, अमेरिका का एक शानदार सहयोगी, एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। अमेरिकी मंत्री ने कहा, मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हम भारत से प्यार करते हैं. हम भारत के साथ और ज्यादा ऊर्जा व्यापार और ज्यादा बातचीत की उम्मीद करते हैं।

ऊर्जा सहयोग को लेकर क्या कहा?

राइट ने न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अमेरिकी मंत्री वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की इस टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे कि भारत आने वाले सालों में वाशिंगटन के साथ ऊर्जा प्रोडक्शन पर अपने व्यापार को बढ़ाने की उम्मीद करता है और भारत के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों में अमेरिका की हिस्सेदारी अहम है।

अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल (Oil from Russia) खरीदने के चलते 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. राइट से इसको लेकर भी सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को किस तरह देखते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सबसे बड़ा जुनून विश्व शांति है।

भारत के रूस से तेल खरीदने पर क्या बोले

राइट ने कहा कि हम भारत को सजा नहीं देना चाहते। आप दुनिया के हर देश से तेल खरीद सकते हैं, बस रूस से तेल नहीं खरीद सकते. यह हमारा रुख है. अमेरिका के पास बेचने के लिए तेल है और बाकी सभी के पास भी है. उन्होंने आगे कहा, दुनिया में बहुत सारे तेल निर्यातक हैं. भारत को रूस से तेल खरीदने की जरूरत नहीं है. भारत रूस से तेल इसलिए खरीदता है क्योंकि यह सस्ता है. कोई भी रूस से तेल नहीं खरीदना चाहता. उन्हें इसे छूट पर बेचना पड़ता है।

क्या भारत रूस से तेल खरीदता है?

अगस्त में भारत ने रूस से 2.9 बिलियन यूरो (करीब 3.4 अरब डॉलर) का तेल खरीदा। यह चीन के 3.1 बिलियन यूरो (करीब 3.64 अरब डॉलर) के बहुत करीब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का तेल आयात जुलाई में 2.7 बिलियन यूरो था।

भारत किस कीमत पर रूस से तेल खरीदता है?

2023-24 में, भारत द्वारा आयातित रूसी कच्चे तेल की औसत पहुँच कीमत 76.39 डॉलर प्रति बैरल थी, जो गैर-रूसी तेल की औसत पहुँच कीमत से 8.89 डॉलर कम थी। हालाँकि, वित्त वर्ष 2024-25 में छूट और बचत में उल्लेखनीय कमी देखी गई।

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