Breaking News: Pakistan: पाकिस्तान में सिर्फ 30 दिनों का पानी रिजर्व

By Dhanarekha | Updated: November 22, 2025 • 4:57 PM

उप-प्रधानमंत्री डार ने EU फोरम पर सिंधु जल संधि पर जताई चिंता

ब्रसेल्स: पाकिस्तान(Pakistan) के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) इंडो-पैसिफिक मिनिस्टीरियल फोरम में एक बार फिर से सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) का मुद्दा उठाया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस संधि का स्थगित होना “इलाके की स्थिरता के लिए असली खतरा” है। भारत ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह संधि स्थगित कर दी थी। डार ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के इस कदम को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश बताया और कहा कि “पानी को सहयोग का सोर्स बना रहना चाहिए, न कि पॉलिटिक्स के लिए हथियार बनाया जाना चाहिए।” उन्होंने कश्मीर मुद्दे को भी अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर उठाया, जबकि भारत इसे हमेशा से द्विपक्षीय मुद्दा मानता रहा है

80% खेती पर खतरा और 30 दिन का जल भंडार

सिडनी के नॉन-प्रॉफिट इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) की 2025 इकोलॉजिकल थ्रेट रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पानी की कमी के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। पाकिस्तान(Pakistan) की 80 प्रतिशत खेती सिंधु बेसिन के पानी पर निर्भर है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास सिंधु नदी का बहाव बदलने की क्षमता है, जिससे पाकिस्तान का कृषि सेक्टर तबाह हो सकता है।

सबसे गंभीर चेतावनी यह है कि पाकिस्तान(Pakistan) की पानी स्टोरेज कैपेसिटी नदी के बहाव के हिसाब से सिर्फ करीब 30 दिनों तक ही सीमित है। यह मौसमी कमी के प्रति पाकिस्तान को अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। हालांकि 1960 की संधि भारत को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का बहाव पूरी तरह से रोकने की अनुमति नहीं देती, फिर भी डैम के संचालन में मामूली बदलाव भी पाकिस्तानी किसानों पर गंभीर असर डाल सकते हैं, जैसा कि मई में चिनाब नदी पर सलाल और बगलिहार डैम में रिज़र्वॉयर फ्लशिंग के दौरान बाढ़ जैसे हालात बनने से देखा गया था।

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सिंधु जल संधि: समझौता और तनाव

इस जल संधि (IWT) 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी। इस समझौते के तहत, भारत ने तीन पश्चिमी नदियों-सिंधु, झेलम और चिनाब-का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करने पर सहमति जताई, जबकि तीन पूर्वी नदियों-ब्यास, रावी और सतलुज-पर उसका नियंत्रण बना रहा। यह संधि दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। लेकिन, हाल के वर्षों में भारत द्वारा आतंकी हमलों के बाद संधि को स्थगित करने जैसे कदमों से इस पर तनाव बढ़ गया है। इशाक डार ने अंतर्राष्ट्रीय पार्टनर्स की तारीफ की जिन्होंने भारत के साथ तनातनी को शांत करने की कोशिशों में मध्यस्थता की।

सिंधु जल संधि (IWT) के तहत कौन सी नदियाँ पाकिस्तान को आवंटित की गई हैं?

इस जल संधि (IWT) के तहत, भारत ने सिंधु, झेलम और चिनाब (पश्चिमी नदियाँ) का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करने की सहमति दी है।

IEP की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की कृषि कितने प्रतिशत तक सिंधु बेसिन के पानी पर निर्भर है और उसका जल भंडार कितने दिनों तक सीमित है?

IEP की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की 80 प्रतिशत खेती सिंधु बेसिन के पानी पर निर्भर है, और उसकी पानी स्टोरेज कैपेसिटी नदी के बहाव के हिसाब से सिर्फ करीब 30 दिनों तक सीमित है।

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