Sergio Gor: भारत में अमेरिका के नए राजदूत

By Vinay | Updated: August 23, 2025 • 10:45 AM

23 अगस्त 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर (Sergio Gor) को भारत में अमेरिका का नया राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की। इसके साथ ही गोर को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है

39 वर्षीय गोर, जो ट्रंप के विश्वासपात्र हैं, अपनी युवावस्था और विवादास्पद पृष्ठभूमि के कारण चर्चा में हैं। उनकी नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों के लिए नए अवसर ला सकती है, लेकिन रूसी जासूस के आरोप और एलन मस्क के साथ टकराव ने उनके नाम को सुर्खियों में ला दिया है। आइए, सर्जियो गोर और उनकी नियुक्ति के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सर्जियो गोर का परिचय

सर्जियो गोर का जन्म उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लॉस एंजेलिस में पूरी की और जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वे व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक हैं, जहां उन्होंने ट्रंप प्रशासन के लिए लगभग 4,000 अधिकारियों की नियुक्ति का नेतृत्व किया।

गोर को ट्रंप का वफादार सहयोगी माना जाता है, जिन्होंने उनके 2024 के राष्ट्रपति अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, विदेश नीति में उनका अनुभव सीमित है, जो उनकी इस नई भूमिका को चुनौतीपूर्ण बनाता है।

नियुक्ति की घोषणा

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर गोर की नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा, “सर्जियो गोर मेरे लंबे समय से विश्वासपात्र और दोस्त रहे हैं। वे भारत जैसे महत्वपूर्ण देश में मेरे ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ एजेंडे को लागू करेंगे।”

गोर को न केवल भारत में राजदूत, बल्कि दक्षिण और मध्य एशिया (पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि) के लिए विशेष दूत की भूमिका भी दी गई है। गोर ने इस नियुक्ति पर ट्रंप का आभार जताते हुए एक्स पर लिखा, “अमेरिकी लोगों की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात है।”

विवादों का साया

सर्जियो गोर की नियुक्ति विवादों से अछूती नहीं रही। उनकी छवि को दो प्रमुख विवादों ने प्रभावित किया है: 1. रूसी जासूस के आरोप: कुछ समय पहले गोर पर रूसी जासूस होने के कथित आरोप लगे थे। हालांकि, इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं मिले, लेकिन यह मुद्दा उनकी नियुक्ति के समय फिर से चर्चा में आया। यह आरोप उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं, खासकर भारत जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश में।

2. एलन मस्क से टकराव: टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने गोर को “सांप” कहकर संबोधित किया था। यह विवाद तब शुरू हुआ जब गोर ने मस्क को नासा के नेतृत्व की दौड़ से बाहर करने में भूमिका निभाई। मस्क ने इसकी आलोचना सार्वजनिक रूप से की, जिसने गोर की छवि को प्रभावित किया।

भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव

गोर की नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है, और अमेरिका के साथ इसका रणनीतिक साझेदारी का रिश्ता रहा है। गोर की नियुक्ति से दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं:

सीमित अनुभव: गोर का विदेश नीति में सीमित अनुभव उनकी कूटनीतिक भूमिका को जटिल बना सकता है।

ट्रंप की नीतियां: ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी और रूस से तेल खरीदने की भारत की नीति की आलोचना की थी। इन मुद्दों पर गोर को संतुलन बनाना होगा।

मध्य एशिया में भूमिका:गोर की विशेष दूत की भूमिका उन्हें क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीति में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देती है, खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ।

गोर की ताकत और चुनौतियांताकत:

– ट्रंप का भरोसा: गोर की ट्रंप के साथ निकटता उन्हें मजबूत समर्थन देती है। – युवा ऊर्जा: 39 साल की उम्र में वे नई ऊर्जा और दृष्टिकोण ला सकते हैं। – मध्य एशियाई पृष्ठभूमि: उज्बेकिस्तान में जन्म होने के कारण क्षेत्रीय सांस्कृतिक समझ उनकी ताकत हो सकती है।

चुनौतियां: – विवादास्पद छवि: रूसी जासूस के आरोप और मस्क से टकराव उनकी विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं। – अनुभव की कमी: विदेश नीति में अनुभव की कमी भारत जैसे जटिल देश में उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाती है।

– भारत की अपेक्षाएं: भारत एक अनुभवी और संतुलित राजदूत की उम्मीद करता है, और गोर को खुद को साबित करना होगा।

सर्जियो गोर की नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर सकती है। उनकी युवा ऊर्जा और ट्रंप का समर्थन उनकी ताकत हैं, लेकिन विवाद और अनुभव की कमी उनकी राह में चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं। भारत जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश में उनकी भूमिका को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। क्या गोर ट्रंप के भरोसे को सही साबित करेंगे और भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे, यह समय बताएगा।

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