Surya Grahan: सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण कल होगा?

By Dhanarekha | Updated: August 5, 2025 • 7:13 PM

नासा ने बताई सही तारीख, कब और कहां आएगा नजर

वॉशिंगटन। आज के सोशल मीडिया युग में वायरल रील से लेकर कोई अनोखी घटना सनसनी बनने से कहां बची रह पाती है। ऐसे में जब बात सदी के सबसे लंबे सूर्यग्रहण(Surya Grahan) की हो तो कहां कोई पीछे रहने वाला है। लेकिन इस सनसनी ने अब एक बड़ा भ्रम पैदा कर दिया है

ये भ्रम 2 अगस्त की तारीख को लेकर है, क्योंकि सोशल मीडिया पर दावा वायरल हो गया है कि 2 अगस्त 2025 को पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है।

हालांकि यह दावा सच नहीं है। अमेरिकी(American) स्पेस एजेंसी नासा ने साफ कर दिया है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त को तो है, लेकिन वह इस साल यानी 2025 में नहीं हो रहा है। दिलचस्प बात ये है कि ये सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जिस दौरान 6 मिनट से ज्यादा समय तक अंधेरा छाया रहेगा।

सूर्यग्रहण कैसे होता है?


सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो उस समय होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस दौरान सूर्य की डिस्क चंद्रमा के पीछे हो जाती है, जिससे प्रकाश का कुछ या पूरा हिस्सा अवरुद्ध हो जाता है।

सूर्य ग्रहण अमावस्या के दौरान होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच सीधी रेखा पर स्थित होता है। सूर्यग्रहण के दौरान इसका प्रकाश सीधा नहीं पहुंचता है, ऐसे में यह वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए कोरोना के अध्यन का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।

इतना लंबा सूर्यग्रहण क्यों?

कई खगोलीय स्थिति मिलकर इस अनोखे लंबे सूर्य ग्रहण का निर्माण करेंगी। इस दौरान पृथ्वी सूर्य से अपने सबसे दूर बिंदु अपहेलियन पर होगी, जिसके चलते सूर्य का आकार छोटा दिखाई देगा। वहीं, चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु पेरिजी पर स्थित होगा, जिसके वह बड़ा दिखाई देगा।

इस संयोग के चलते चंद्रमा अधिक समय तक सूर्य की छाया को अवरुद्ध करेगा। इसके लंबा होने की एक और दिलचस्प वजह है कि ग्रहण भूमध्य रेखा के पास से गुजरेगा, जहां चंद्रमा की छाया पृथ्वी की सतह से धीमी चलती है।

भारत में नजर आएगा पूर्ण सूर्यग्रहण?

2 अगस्त 2027 को होने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण मिस्र, जिब्राल्टर, लीबिया, मोरक्को, सऊदी अरब, सोमालिया, स्पेन, सूडान, ट्यूनीशिया, यमन और अफगानिस्तान समेत कई देशों में दिखाई देगा। इसके अलावा कई देशों में आंशिक सूर्यग्रहण भी देखा जाएगा। भारत में रहने वाले अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए निराश होने वाली खबर है, क्योंकि इसे उपमहाद्वीप में नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि, नासा और दूसरी स्पेस एजेंसियां ग्रहण का लाइव टेलीकास्ट करती हैं, जिसके जरिए इसे देखा जा सकता है।

ग्रहण कैसे होता है?

सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आने से होता है।

सूर्य ग्रहण को क्यों न देखें?

इससे आँखों की रोशनी जा सकती है।

क्या यह एक खगोलीय घटना है?

हाँ, यह एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है।

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