Latest Hindi News : नेपाल में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन का कहर, अब तक 47 लोगों की मौत

By Anuj Kumar | Updated: October 6, 2025 • 10:37 AM

काठमांडू,। नेपाल इन दिनों भीषण बारिश (Heavy Rain) और भूस्खलन की चपेट में है। पिछले तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। देश के कई इलाकों में भूस्खलन, बाढ़, बिजली गिरने और सड़क हादसों में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 लोग लापता हैं। 13 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हिमालयी देश के कई हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है और बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हैं।

सबसे ज्यादा तबाही इलाम जिले में

सशस्त्र पुलिस बल (APF) के संयुक्त प्रवक्ता शैलेंद्र थापा के मुताबिक, भारत सीमा से सटे पूर्वी इलाम जिले में भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में 28 लोगों की मौत हुई है।
यहां बाढ़ में बहने से नौ लोग लापता हैं। देश के अन्य हिस्सों में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। थापा ने बताया कि लापता लोगों की तलाश में बचाव अभियान जारी है और सेना व स्थानीय पुलिस लगातार राहत कार्य में जुटी है।

पश्चिम बंगाल में भी भूस्खलन से सात की मौत

नेपाल सीमा से सटे भारत के दार्जिलिंग क्षेत्र में भी भारी बारिश से भूस्खलन (Landslide) हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां कम से कम सात लोगों की मौत हुई है। सीमा पार दोनों देशों में पहाड़ी इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए संयुक्त रूप से बचाव कार्य किए जा रहे हैं।

सड़कें बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

शुक्रवार से शुरू हुई भारी बारिश के कारण नेपाल के कई जिलों में सड़कें और राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं।
काठमांडू घाटी में शनिवार से तीन दिनों के लिए वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
इलाम में ही बाढ़ और भूस्खलन से 28 लोगों की मौत और दो गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

अन्य जिलों में नुकसान

एपीएफ प्रवक्ता ने बताया कि

सप्तकोशी नदी का जलस्तर बढ़ा, सभी 56 गेट खुले

भारी बारिश के चलते सप्तकोशी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
भारत से सटे कोसी बैराज के सभी 56 गेट खोल दिए गए हैं ताकि दबाव को नियंत्रित किया जा सके।
सुनसरी जिले के मुख्य जिला अधिकारी धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि नदी का बहाव 335,360 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड तक पहुंच गया है, जिसके चलते रेड अलर्ट जारी किया गया है।

निचले इलाकों में रेड अलर्ट और सतर्कता

कोसी बैराज पर रेड अलर्ट लाइटें और लाल झंडे लगाए गए हैं। प्रशासन ने सुनसरी और उदयपुर जिलों के निचले इलाकों में बसे लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी शिविर और राहत केंद्र भी स्थापित किए हैं ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों को तुरंत सहायता मिल सके।

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