वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ब्रैंडेड और पेटेंट दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी। माना जा रहा है कि इसका असर भारत के दवा निर्माताओं पर भी पड़ेगा।
भारत के दवा निर्यात पर असर
साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 31,626 करोड़ रुपये की दवाएं निर्यात की थीं, जबकि 2025 में अब तक यह आंकड़ा 32,505 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। भारत की कम कीमत वाली जेनरिक दवाओं की अमेरिका में मांग काफी अधिक है। डॉ. रेड्डी, सन फार्मा, ल्यूपिन और अरबिंदो जैसी कंपनियां अमेरिका में व्यापार करके भारी मुनाफा कमाती हैं।
रिफ का दायरा
ट्रंप ने फिलहाल केवल ब्रैंडेड (Branded) और पेटेंट दवाओं पर टैरिफ लगाया है। कॉम्प्लेक्स जेनरिक दवाओं पर अब तक स्पष्ट नहीं है कि कितना टैरिफ लागू होगा। अमेरिका पहले से ही भारत पर 50% टैरिफ लगा चुका है, जिसमें रूस से तेल खरीदने के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ (Tarrif) भी शामिल है।
ट्रंप के अन्य टैरिफ फैसले
राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर बताया कि 1 अक्टूबर से फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट पर 100% टैरिफ लागू होगा।
इसके अलावा उन्होंने:
- किचेन कैबिनेट पर 50% टैरिफ
- असबाबवाला फर्नीचर पर 30% टैरिफ
- बड़े ट्रकों पर 25% टैरिफ
लगाया है। ट्रंप का कहना है कि ट्रकों पर टैरिफ राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से लगाया गया है।
ट्रंप का धर्म क्या है?
हालांकि, अक्टूबर 2020 में ट्रंप ने घोषणा की कि अब वह खुद को प्रेस्बिटेरियन नहीं मानते और अब खुद को एक गैर-सांप्रदायिक ईसाई मानते हैं। इसके बावजूद, अपने व्यक्तिगत संबंधों, खासकर अपने प्रारंभिक गुरुओं के साथ, के माध्यम से उनकी पहचान एप्लाइड औरकरिश्माई ईसाई धर्म से की जाती रही है।
ट्रंप का पूरा नाम क्या है?
डोनाल्ड जॉन ट्रम्प (जन्म 14 जून, 1946) एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ, मीडिया व्यक्तित्व और व्यवसायी हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हैं। रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य, उन्होंने 2017 से 2021 तक 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
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