दोदोमा। दुनिया के कई देश इस समय सरकार के खिलाफ आक्रोश का सामना कर रहे हैं। नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन की यादें ताज़ा ही थीं कि अब दक्षिण अफ्रीकी (South Africa) देश तंजानिया (Tanzania) में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने जोर पकड़ लिया है। विपक्षी दल का दावा है कि आम चुनावों के बाद भड़की इस हिंसा में अब तक करीब 700 लोगों की मौत हो चुकी है।
विपक्ष का आरोप: चुनावों के बाद बढ़ी हिंसा, सैकड़ों की मौत
एक सुरक्षा सूत्र के अनुसार, अब तक करीब 500 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कुल संख्या 700 से 800 तक पहुंच सकती है। इस पर संयुक्त राष्ट्र ने भी प्रतिक्रिया दी है। शुरुआती रिपोर्टों में 10 मौतों का उल्लेख किया गया है, जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) के अनुसार कम से कम 100 लोगों की मौत की जानकारी है।
इंटरनेट बंद, हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर
सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए पूरे देश में इंटरनेट बंद कर दिया, लेकिन इसके बावजूद हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन पर आरोप है कि उन्होंने चुनावों के दौरान अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वियों को या तो जेल में डाला या चुनाव से बाहर कर दिया, जिससे देश में अराजकता फैल गई।
दार-ए-सलाम सहित कई शहरों में भारी बवाल
प्रदर्शनकारियों ने दार-ए-सलाम और कई अन्य शहरों में पोस्टर फाड़े, पुलिस पर हमला किया और मतदान केंद्रों को निशाना बनाया। हालात बिगड़ने पर कर्फ्यू लागू कर दिया गया और इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया।
राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को घोषित किया गया विजेता
हिंसा और विवाद के बीच भी राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन को बुधवार को विजयी घोषित कर दिया गया। उन्होंने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विपक्षी नेताओं और आलोचकों को जेल में डालने का फैसला किया। विदेशी पत्रकारों को भी कवरेज से रोक दिया गया, जिससे जमीनी तथ्यों की जानकारी मिलना मुश्किल हो गया।
विपक्षी दल चाडेमा का दावा: मरने वालों की संख्या 700 से अधिक
मुख्य विपक्षी दल चाडेमा के प्रवक्ता जॉन किटोका ने बताया कि:
- दार-ए-सलाम में 350 से ज्यादा मौतें हुई हैं
- म्वांज़ा में 200 से अधिक लोग मारे गए
- अन्य इलाकों को मिलाकर 700 से भी अधिक मौतें हो चुकी हैं
उन्होंने चेतावनी दी कि वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई हत्याएं रात के कर्फ्यू के दौरान भी हो रही हैं।
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