दुनिया के दिग्गज निवेशक और बर्कशायर हैथवे के सीईओ वॉरेन बफे ने 3 मई 2025 को संगठन की 60वीं वार्षिक बैठक के दौरान अपने रिटायरमेंट की ऐलान की। उन्होंने कहा कि वे संगठन के बोर्ड को सुझाव देंगे कि ग्रेग एबल को वर्ष के अंत तक नया सीईओ बनाया जाए। यह निर्णय उनके दशकों लंबे जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है।
अमेरिका की डॉलर और अर्थप्रबंध पर जताई परेशानी
अपनी विदाई स्पीच में बफे ने अमेरिका की राजकोषीय नीति, बढ़ते घाटे, और नौकरशाही की अक्षमता पर परेशानी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बर्कशायर भविष्य में कुछ वित्तीय रणनीतियों को विदेशी मुद्राओं की ओर मोड़ सकती है, विशेषकर तब जब संगठन यूरोप जैसे प्रदेशो में बड़ा निवेश करे।
“अगर हम यूरोपीय देशों में बड़ा पूंजी निवेश करते हैं, तो हमारी करेंसी व्यवस्था भी वहां की हो सकती है।” — वॉरेन बफे
व्यापार नीतियों पर आलोचना, वैश्विक समृद्धि पर जोर
बफे ने अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते शुल्क और धंधा संरक्षणवाद पर नाराजगी जताई। उनका मानना है कि धंधा को हथियार की तरह उपयोग करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने घमंड को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक सहयोग की भावना को अपनाना चाहिए।
परमाणु खतरे के दौर में ईर्ष्या और गर्व घातक
बफे ने चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों से लैस इस दुनिया में अगर देश आपसी विद्वेष और ज़्यादा गर्व के साथ कार्य करेंगे, तो यह पूरी मानवता के लिए संकट बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वैश्विक समृद्धि ही दीर्घावधि स्थिरता का मार्ग है।
निवेशकों के लिए बफे की सलाह
वॉरेन बफे का रिटायरमेंट की ऐलान के साथ बफे ने अपने लंबे अनुभव से यह भी कहा कि दीर्घकालिक निवेश के लिए शेयर बाजार अब भी सबसे श्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने रियल एस्टेट की तुलना में स्टॉक्स को अधिक सुरक्षित और ज़्यादा लाभ बताया।