IRB Infrastructure Deal 2025: IRB इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स ने हाल ही में तीन प्रमुख बीओटी (Build-Operate-Transfer) हाईवे एसेट्स को अपने पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) में ट्रांसफर करने की इजाजत दी है।
यह सौदा कुल 8,450 करोड़ पैसे में हुआ है, जिसकी इक्विटी वैल्यू करीब 4,905 करोड़ पैसे है।
क्या है यह सौदा?
इस सौदे के अंतर्गत तीन बीओटी हाईवे एसेट्स भागीदार हैं:
- IRB हापुड़-मुरादाबाद टोलवे
- कैथल टोलवे
- किशनगढ़-गुलाबपुरा टोलवे
ये तीनों एसेट्स मिलकर लगभग 1,800 लेन किलोमीटर तक फैले हुए हैं। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी है कि इन तीनों की 100% इक्विटी को IRB Infrastructure Trust को ट्रांसफर किया जाएगा।
कैसे होगा इस्तेमाल इस रकम का?
इस डील से जुटाई गई रकम का उपयोग 15,000 करोड़ पैसे के नए रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की फंडिंग में किया जाएगा। यह कदम IRB ग्रुप की Asset Churn Strategy का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी मौजूदा एसेट्स से पूंजी निकालकर नए विकास कार्यों में निवेश करती है।

भविष्य की योजना क्या है?
एसेट बेस में बड़ा विस्तार
IRB Infrastructure Deal 2025: इस लेनदेन के बाद अगले तीन सालों में कंपनी का कुल एसेट बेस 80,000 करोड़ से बढ़कर 1,40,000 करोड़ पैसो तक पहुंचने की संभावना है।
IRB के चेयरमैन वीरेंद्र डी. म्हैसकर के अनुसार, “इस सौदे से प्राप्त पूंजी का उपयोग केवल सड़कों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों में भी निवेश किया जा सकता है।”
InvIT फंड को मिलेगा मजबूती
इस सौदे के बाद IRB InvIT फंड को ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करने वाले बीओटी एसेट्स का लाभ मिलेगा। इससे इसकी एवरेज लाइफ और स्थिरता दोनों में इजाफा होगा।
BOT मॉडल क्या होता है?
बीओटी (Build-Operate-Transfer) मॉडल के तहत कोई प्राइवेट कंपनी सड़क या हाईवे का निर्माण करती है, कुछ सालों तक उसका संचालन करती है और फिर उसे सरकार को सौंप देती है। यह मॉडल भारत में हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए काफी लोकप्रिय है।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
शुक्रवार को इस खबर के बावजूद कंपनी के शेयर बीएसई पर हल्की गिरावट के साथ 0.37% गिरकर 51.26 रुपये पर बंद हुए।