ISI की साजिश पहलगाम से पहले था दूसरा हमला प्लान Pakistan Sleeper Cell नेटवर्क से मिली जानकारी
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम हमले से पहले ही Pakistan Sleeper Cell द्वारा रची गई एक और साजिश का खुलासा हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने एक बड़ी आतंकी साजिश रचने की योजना बनाई थी, जिसे आखिरी वक्त में नाकाम कर दिया गया।
बेनकाब हुआ स्लीपर सेल नेटवर्क
पाकिस्तान का sleeper cell नेटवर्क जम्मू-कश्मीर सहित भारत के कई हिस्सों में सक्रिय है। हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने जिन संदिग्धों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ में सामने आया कि Pakistan Sleeper Cell लंबे समय से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के प्रयास में था।

मुख्य खुलासे:
- ISI ने दो चरणों में हमले की योजना बनाई थी
- पहला टारगेट पहलगाम नहीं, बल्कि जम्मू का एक संवेदनशील क्षेत्र था
- स्थानीय संपर्कों की मदद से हथियार और विस्फोटक पहुंचाए गए
- स्लीपर सेल ने हमले से पहले कई बार रेकी की
Pakistan Sleeper Cell से ऐसे जुड़े तार
Pakistan Sleeper Cell आम तौर पर स्थानीय युवाओं को बहला-फुसलाकर उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करता है। इनमें से कुछ को सीमा पार प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर उन्हें भारत में स्लीपर एजेंट के तौर पर सक्रिय किया जाता है।
इसका उद्देश्य क्या था?
- भारत में भय का माहौल बनाना
- अमरनाथ यात्रा को बाधित करना
- कश्मीर में अस्थिरता फैलाना
भारतीय एजेंसियों की बड़ी कामयाबी
खुफिया एजेंसियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते ISI की योजना समय रहते नाकाम हो गई। सुरक्षा बलों ने न केवल संभावित हमले को टाल दिया, बल्कि Pakistan Sleeper Cell के कई महत्वपूर्ण सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तारियों से सामने आईं जानकारियाँ:
- मोबाइल चैट्स और सैटेलाइट कॉल्स के जरिए संपर्क
- फंडिंग के लिए हवाला नेटवर्क का उपयोग
- स्थानीय मददगारों की पहचान

सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी
अब सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। Pakistan Sleeper Cell के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
Pakistan Sleeper Cell का पर्दाफाश भारतीय सुरक्षा बलों की सतर्कता का प्रमाण है। ISI द्वारा रची गई साजिशें अब कामयाब नहीं हो पा रहीं क्योंकि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ पहले से अधिक सक्षम और चौकस हैं। पहलगाम से पहले एक और हमला रोकना देश की सुरक्षा रणनीति की बड़ी सफलता मानी जा रही है।