तेल अवीव । इज़राइल ऐसे हथियार बना रहा है, जो कम खर्चे में बड़ा नुकसान पहुंचा सकें। इज़राइल ने अपना नया ब्रह्मास्त्र, लेज़र-आधारित एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) “आयरन बीम” लॉन्च कर दिया है, जो सफल परीक्षणों के बाद इस साल तैनाती के लिए तैयार है। पारंपरिक इंटरसेप्टर मिसाइल (Intersepter Missile) दागने में लगभग 50,000 डॉलर (40 लाख रुपये) खर्च आता है, जबकि आयरन बीम से लक्ष्य भेदने की लागत बेहद मामूली है। इससे इज़राइल आसमान से बरसने वाले रॉकेट और ड्रोन को रोकने में भारी बचत करेगा
भारतीय तकनीक भी इस दिशा में
दिलचस्प यह है कि भारत भी इस तकनीक पर काम कर रहा है। डीआरडीओ ने 30 किलोवाट का लेज़र हथियार बनाया है, जो 5 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, हेलीकॉप्टर (Helicopter) और मिसाइल जैसे हवाई हमलों को हवा में ही मार सकता है। यह हथियार इलेक्ट्रॉनिक वॉर में भी माहिर है और दुश्मन के कम्युनिकेशन और सैटेलाइट सिग्नल को जाम कर सकता है।
परीक्षण और संचालन की तैयारी
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आयरन बीम ने हाल के परीक्षणों में रॉकेट, मोर्टार, ड्रोन और यहां तक कि विमान को भी सफलतापूर्वक मार गिराया। यह सिस्टम मौजूदा डिफेंस लेयर्स (आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो सिस्टम) के साथ काम करेगा। आईडीएफ को इसके पहले यूनिट साल 2025 के अंत तक मिल जाएंगे।
दुनिया में पहली बार हाई-पावर लेज़र सिस्टम
रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टर-जनरल अमीर बराम ने कहा कि यह दुनिया में पहली बार है जब किसी हाई-पावर लेज़र सिस्टम ने फुल ऑपरेशनल क्षमता हासिल की है।
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