पुराने ब्रिज को बनाने में लगा था इतना टाइम कि बच्चों के भी हो गए थे बच्चे

पंबन ब्रिज

देश के अनूठे पंबन का उद्घाटन रामनवमी के दिन यानी 6 अप्रैल को होना है. इसके तैयार होने में छह साल का समय लगा है,इस बीच कोरोना भी था. वहीं पुराने पुल को तैयार होने में इतना समय लगा कि जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

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देश के पहला वर्टिकल लिफ्ट होने वाला पंबन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन 6 अप्रैल यानी रामनवमी के दिन करेंगे. इस अनूठे ब्रिज को तैयार करने में छह साल का समय लग गया. लेकिन पुराने पंबन ब्रिज को तैयार करने में इतना लंबा समय लगा था, जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. हालां‍कि यह भी बड़ी बात है कि जब निर्माण के क्षेत्र में इतनी तकनीक नहीं था, उसके बावजूद समुद्र के अंदर ट्रेन चलाने के लिए ब्रिज तैयार किया गया।

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पंबन ब्रिज: भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट पुल

मुख्य बिंदु:

  • प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन: देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पुल का उद्घाटन 6 अप्रैल, रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
  • निर्माण में छह साल का समय: नए पंबन ब्रिज को बनाने में छह साल का समय लगा, जिसमें तकनीकी चुनौतियों के बावजूद पुल तैयार किया गया।

पंबन ब्रिज का महत्व

समुद्र के ऊपर ट्रेन संचालन:

  • यह पुल समुद्र के ऊपर बनाया गया है और ट्रेन को उस पर से गुजरने के लिए एक नई तकनीक के साथ तैयार किया गया है।
  • पुराने पंबन ब्रिज के मुकाबले यह नया ब्रिज काफी एडवांस और सुरक्षित है।

वर्टिकल लिफ्ट तकनीक:

  • यह पुल वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम से लैस है, जिससे समुद्र में बड़ी जहाजों के आने-जाने के समय ट्रेन के लिए रास्ता खुल सकता है।
  • यह तकनीक विश्वभर में अन्य जगहों पर भी उपयोग की जाती है, लेकिन भारत में यह पहली बार लागू की गई है।

आधारशिला और निर्माण की शुरुआत:

  • पंबन ब्रिज की आधारशिला 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी, और नवंबर 2019 से इसके निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
  • निर्माण का कार्य मार्च 2023 तक पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन कोविड महामारी की वजह से इसमें कुछ देरी हुई।

निर्माण में आई चुनौतियाँ:

  • निर्माण में तकनीकी बाधाएँ, समुद्र के नीचे काम करने के लिए आवश्यक तैयारी और अन्य मुद्दों के कारण थोड़ा विलंब हुआ। फिर भी, इसे छह साल के भीतर पूरा किया गया, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। नए पंबन ब्रिज के बन जाने के बाद रामेश्वर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्‍या में इजाफा होने की उम्मीद है. क्‍योंकि अभी तक रामेश्‍वरम ट्रेन से सीधा कनेक्‍ट नहीं है

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