टैक्स फ्री इनकम की हो रही पड़ताल
नई दिल्ली: आयकर विभाग(ITR) ने उन लोगों को नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं, जिन्होंने अपने आयकर रिटर्न में छूट वाली आय दिखाई है। इनमें कई सीनियर प्रोफेशनल्स, बड़ी फर्मों के पार्टनर्स और रिटायर्ड कर्मचारी शामिल हैं। विभाग यह जांच रहा है कि शेड्यूल ईआई(Schedule EI) में दर्ज की गई ये रकम वास्तव में टैक्स मुक्त है या केवल टैक्स से बचने का तरीका। इस कार्रवाई से टैक्सपेयर्स के बीच चिंता बढ़ गई है।
छूट वाली आय और विभाग की चिंता
छूट वाली आय में कृषि आय, प्रोविडेंट फंड, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी और फर्म का मुनाफा शामिल होता है। ITR फॉर्म में इन्हें शेड्यूल ईआई के तहत दर्ज किया जाता है ताकि कुल आय से अलग रखा जा सके। आमतौर पर यह आय टैक्स योग्य नहीं होती है।
फिर भी, विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कई लोगों को नोटिस भेजा है। पहले की कार्रवाई मुख्यतः फर्जी दान और झूठी कृषि आय दिखाने वालों पर थी। लेकिन इस बार वैध छूट वाली आय की जांच ने टैक्सपेयर्स को हैरान कर दिया है।
विशेषज्ञों की राय और संभावित गलती
टैक्स(ITR) विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विभागीय सिस्टम की गलती भी हो सकती है। क्योंकि फर्म पहले ही टैक्स चुका देती है, इसलिए पार्टनर्स को दिया गया मुनाफा फिर से टैक्स योग्य नहीं होना चाहिए। गौतम नायक का मानना है कि बड़ी रकम वाले मामलों को चुनिंदा तौर पर जांचा जा रहा है।
सीए आशीष कारुडिया(Ashish Karudia) का कहना है कि केवल शेड्यूल ईआई के आधार पर जांच करना उचित नहीं है। वे मानते हैं कि टैक्सपेयर्स के वैध दावों को बिना ठोस कारण चुनौती देना नियमों के अनुरूप नहीं होगा।
आगे की प्रक्रिया और संभावित दिक्कतें
यदि किसी टैक्सपेयर को धारा 143 के तहत नोटिस नहीं मिलता, तो भी उसके खिलाफ भविष्य में धारा 148 के तहत रिअसेसमेंट की कार्रवाई हो सकती है। इस प्रक्रिया की समय-सीमा लंबी होती है, खासकर जब छुपाई गई आय 50 लाख रुपये से अधिक हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर टैक्सपेयर्स अपने दावों का बचाव कर पाएंगे। हालांकि, विभाग के चक्कर लगाने की परेशानी उन्हें झेलनी ही पड़ेगी। इससे कई लोगों की वित्तीय और मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
छूट वाली आय में किन स्रोतों को शामिल किया जाता है?
कृषि आय, प्रोविडेंट फंड, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी और पार्टनरशिप फर्म का मुनाफा इसमें आता है। इन्हें ITR के शेड्यूल ईआई में दर्ज कर कुल आय से अलग किया जाता है।
आयकर विभाग ने किन्हें नोटिस भेजे हैं?
विभाग ने सीनियर प्रोफेशनल्स, बड़ी फर्मों के पार्टनर्स और कई रिटायर्ड कर्मचारियों को नोटिस भेजे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उनकी दिखाई गई छूट वाली आय वास्तव में टैक्स फ्री है।
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