Jammu-Kashmir कठुआ एनकाउंटर: 13 दिनों से जारी ऑपरेशन, जानें अब तक क्या हुआ और देरी की वजह
Jammu-Kashmir के कठुआ जिले में पिछले 13 दिनों से सुरक्षा बलों द्वारा चलाया जा रहा आतंकवाद विरोधी अभियान हाल के वर्षों में सबसे लंबा ऑपरेशन बन चुका है। इस अभियान की शुरुआत 23 मार्च 2025 को हुई थी, जब पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौजूदगी की खबर मिली थी। इसके बाद से सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया, लेकिन अब तक मुठभेड़ जारी है।

अब तक क्या हुआ?
- 23 मार्च:
- कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास संदिग्ध आतंकवादियों की हलचल देखी गई।
- भारतीय सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया।
- 27 मार्च:
- आतंकवादियों के साथ पहली बड़ी मुठभेड़ हुई।
- इस दौरान तीन आतंकवादी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
- 29 मार्च:
- ऑपरेशन के दौरान एक और संदिग्ध ठिकाने पर छापा मारा गया, लेकिन आतंकवादी भागने में सफल रहे।
- आतंकवादियों ने जंगल में छिपकर सुरक्षा बलों पर हमले जारी रखे।
- 31 मार्च:
- कठुआ के रामकोट क्षेत्र में एक और मुठभेड़ शुरू हुई।
- सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया और ड्रोन के जरिए आतंकवादियों की लोकेशन ट्रैक की।
- 2 अप्रैल:
- सेना ने आतंकियों की एक और टुकड़ी को घेरा।
- मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई, लेकिन कुछ आतंकवादी अब भी बच निकले।
अभियान में देरी क्यों हो रही है?
- भूगोलिक चुनौतियां:
- कठुआ क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो आतंकियों को छिपने में मदद करता है।
- ऐसे इलाकों में तलाशी अभियान लंबा खिंच सकता है।
- स्थानीय समर्थन की संभावना:
- आतंकियों को स्थानीय नेटवर्क या मदद मिल रही हो सकती है, जिससे वे अब तक बचने में कामयाब हो रहे हैं।
- सावधानीपूर्वक ऑपरेशन:
- सुरक्षा बल नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अभियान चला रहे हैं, जिससे देरी हो रही है।
- सेना किसी भी तरह के संभावित नुकसान को टालना चाहती है।
- आतंकियों की रणनीति:
- आतंकवादी जंगलों और गांवों में छिपकर सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला कर रहे हैं।
- बार-बार ठिकाने बदलने के कारण सुरक्षाबलों को सटीक कार्रवाई करने में कठिनाई हो रही है।
सेना का अगला कदम क्या होगा?
- भारतीय सेना और Jammu-Kashmir पुलिस ने कठुआ क्षेत्र की घेराबंदी और मजबूत कर दी है।
- अत्याधुनिक ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और स्नाइपर टीमों की मदद से आतंकियों का पता लगाया जा रहा है।
- ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक आखिरी आतंकी को ढूंढकर मार नहीं दिया जाता।
कठुआ में जारी आतंकवाद विरोधी अभियान भारतीय सुरक्षा बलों की एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। यह ऑपरेशन लंबा जरूर हो रहा है, लेकिन सुरक्षा बल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर आतंकी को मारा जाए और नागरिकों को किसी भी तरह का नुकसान न हो। अब देखना होगा कि सेना कितने समय में ऑपरेशन को पूरा कर पाती है।