Breaking News Jindal Steel: जिंदल स्टील की नजर जर्मन कंपनी पर

By Dhanarekha | Updated: September 17, 2025 • 11:18 AM

थिसेनक्रुप स्टील यूरोप खरीदने की तैयारी

नई दिल्ली: जिंदल स्टील(Jindal Steel) इंटरनेशनलने जर्मनी(Germany) की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी थिसेनक्रुप स्टील यूरोप(TKSE) को खरीदने का गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव दिया है। कंपनी का कहना है कि यह कदम वैश्विक स्तर पर स्टील कारोबार में उसकी पकड़ मजबूत करेगा। TKSE में करीब 27,000 कर्मचारी काम करते हैं और यह हर साल लगभग 11 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करती है

शुरुआती दौर में प्रस्ताव, बोर्ड करेगा समीक्षा

थिसेनक्रुप एजी ने पुष्टि की है कि उन्हें जिंदल स्टील का प्रस्ताव मिला है। कंपनी का बोर्ड इस सौदे की आर्थिक मजबूती, पर्यावरणीय असर और कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा जैसे पहलुओं पर गौर करेगा। जिंदल स्टील का दावा है कि उसके पास निवेश की क्षमता है, उत्पादन का अनुभव है और वह पर्यावरण हितैषी स्टील बनाने की दिशा में काम कर रही है।

जिंदल स्टील(Jindal Steel) इंटरनेशनल के यूरोपियन ऑपरेशंस डायरेक्टर नरेंद्र मिश्रा ने बताया कि कंपनी जर्मनी और यूरोप में ग्रीन स्टील तैयार करने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि TKSE की दो सौ साल पुरानी विरासत को आगे बढ़ाकर इसे यूरोप की प्रमुख पर्यावरण अनुकूल स्टील कंपनी बनाया जाएगा।

नए निवेश और उत्पादन पर पूरा नियंत्रण

जिंदल स्टील(Jindal Steel) ने घोषणा की है कि वह ओमान में 2027 तक हाइड्रोजन आधारित प्लांट स्थापित करेगी। इसके साथ ही जर्मनी में इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस लगाने के लिए 2 अरब यूरो से ज्यादा का निवेश किया जाएगा। यह तकनीक बिजली से स्टील उत्पादन की सुविधा देती है और प्रदूषण को कम करती है। कंपनी कैमरून की खदानों से आयरन ओर मंगाकर ओमान और जर्मनी में उसका उपयोग करेगी।

इससे कंपनी को खदान से लेकर तैयार स्टील तक पूरी सप्लाई चेन पर नियंत्रण मिल जाएगा। जिंदल स्टील का मानना है कि इससे जर्मनी में स्टील उत्पादन सुरक्षित रहेगा और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों को स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

थिसेनक्रुप को भी होगा बड़ा लाभ

थिसेनक्रुप एजी अपने कारोबार को छोटा और लाभकारी बनाना चाहती है। इसलिए वह कुछ इकाइयों की बिक्री पर जोर दे रही है। अगर यह सौदा सफल होता है तो यह कंपनी के लिए बड़ी राहत होगी, क्योंकि पहले की बिक्री की कोशिशें विफल रही थीं। मुख्य अड़चन यह है कि TKSE पर कर्मचारियों की पेंशन के लिए लगभग 2.7 अरब यूरो का बोझ है। यही रकम इसे बेचने में सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है।

जिंदल स्टील ग्रीन स्टील क्यों बनाना चाहती है?

कंपनी का लक्ष्य पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाकर स्टील बनाना है। इसके लिए वह हाइड्रोजन आधारित प्लांट और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस जैसी आधुनिक तकनीकें अपना रही है। इससे प्रदूषण कम होगा और ऊर्जा की खपत भी घटेगी।

थिसेनक्रुप स्टील यूरोप की बिक्री मुश्किल क्यों है?

TKSE पर कर्मचारियों की पेंशन के लिए 2.7 अरब यूरो का भारी बोझ है। यही वजह है कि अब तक इसकी बिक्री के प्रयास नाकाम रहे। हालांकि जिंदल स्टील का प्रस्ताव इस समस्या का समाधान निकाल सकता है।

अन्य पढ़े:

# Paper Hindi News #BusinessNews #CorporateDeal #Google News in Hindi #Hindi News Paper #IndiaGermany #JindalSteel #Thyssenkrupp