Jio Launch मुकेश अंबानी ने दांव पर लगाए अरबों, लिया बड़ा रिस्क जियो था अंबानी की जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क
मुकेश अंबानी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि Jio Launch की शुरुआत उनके करियर का सबसे बड़ा रिस्क था।
भारत के टेलीकॉम सेक्टर में पहले से मौजूद बड़े खिलाड़ियों के बीच एक नया नेटवर्क खड़ा करना, वो भी 4G टेक्नोलॉजी के साथ, आसान नहीं था।
लेकिन अंबानी ने न सिर्फ ये जोखिम उठाया, बल्कि खुद के अरबों डॉलर भी इसमें झोंक दिए।
4G नेटवर्क पर क्यों लिया इतना बड़ा दांव?
2010 के बाद भारत में मोबाइल इंटरनेट का दायरा तेजी से बढ़ा।
मुकेश अंबानी ने इस ट्रेंड को पहचाना और तय किया कि भारत को डिजिटल रूप से आगे ले जाने के लिए तेज़ और सस्ता 4G नेटवर्क ज़रूरी है।
उनका मानना था कि डिजिटल कनेक्टिविटी ही अगली आर्थिक क्रांति की कुंजी होगी।

कैसे खड़ा किया गया Jio का विशाल नेटवर्क?
- देशभर में 2.5 लाख से ज्यादा मोबाइल टावर लगाए गए
- फाइबर नेटवर्क को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाया गया
- अरबों डॉलर की निवेश योजना बनाई गई जो पूरी तरह से अंबानी के विज़न पर आधारित थी
- डेटा को लगभग फ्री करके यूज़र्स को आकर्षित किया गया
विरोध और असफलता का डर भी था
Jio के लॉन्च से पहले उद्योग के कई विशेषज्ञों ने इसे “बहुत महंगा और असंभव प्रोजेक्ट“ करार दिया था।
यह भी आशंका थी कि इतने सस्ते डेटा प्लान्स से कंपनी को घाटा होगा।
लेकिन मुकेश अंबानी ने अपने मिशन पर अडिग रहते हुए सभी संदेहों को गलत साबित किया।

आज Jio बना है देश की पहचान
- Jio भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम नेटवर्क बन चुका है
- करोड़ों भारतीयों को डिजिटल दुनिया से जोड़ा
- आज Jio केवल टेलीकॉम नहीं, बल्कि फाइबर, टीवी, क्लाउड और फिनटेक में भी विस्तार कर चुका है
Jio Launch सिर्फ एक टेलीकॉम स्टार्ट नहीं था, यह मुकेश अंबानी का वो सपना था जिसमें उन्होंने भविष्य की भारत की डिजिटल संरचना देखी।
उनका यह रिस्क आज भारत के करोड़ों लोगों की डिजिटल आज़ादी का आधार बन गया है।
Jio ने साबित कर दिया कि अगर सोच बड़ी हो और इरादा साफ, तो हर जोखिम सफलता में बदल सकता है।