Yam Dwar: कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रथम पड़ाव

By digital | Updated: June 12, 2025 • 2:25 PM

Yam Dwar Mystery: कैलाश मानसरोवर की यात्रा जितनी पवित्र मानी जाती है, उतनी ही रहस्यमयी भी। इस यात्रा की आरंभ जिस स्थान से होती है, वह है यम द्वार।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यम द्वार का अर्थ है “मृत्यु के देवता यमराज का प्रवेश द्वार“, जो भगवान शिव के कैलाश लोक की रक्षा करते हैं। भक्त इसी द्वार से होकर कैलाश पर्वत की परिक्रमा की शुरुआत करते हैं।

तिब्बती भाषा में यम द्वार को तारबोचे कहा जाता है। यहां हर वर्ष पूर्णिमा के दिन एक धार्मिक उत्सव मनाया जाता है, जब ध्वज स्तंभ को बदला जाता है। यह स्थान कैलाश यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है, और हर यात्री को इसे पार करना अनिवार्य होता है।

यम द्वार से जुड़े रहस्य और चेतावनियां

यम द्वार को लेकर कई रहस्यमयी घटनाएं जुड़ी हैं। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति इस स्थान पर रुक जाए या रात बिताने का प्रयास करे, तो उसकी मृत्यु हो सकती है। अतीत में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जिनका विज्ञान भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाया है।

धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि यम द्वार पार करते वक्त पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घेर सकती है। यह नियम तांत्रिक और आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है।

यम द्वार से होकर गुजरने का धार्मिक फल

Yam Dwar Mystery: हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति मृत्यु से पूर्व यम द्वार पार कर कैलाश की परिक्रमा करता है, तो उसके पापों को चित्रगुप्त क्षमा कर देते हैं।

इसका फल यह होता है कि आत्मा को मोक्ष या स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसलिए यह स्थान मोक्ष प्राप्ति का द्वार भी माना जाता है।

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