माॅस्को: रूस के कामचटका(Kamchatka) के पूर्वी तट पर 19 सितंबर, 2025 की सुबह 7.8 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया। इसके बाद 5.8 तीव्रता के 5 आफ्टरशॉक(After Shock) भी महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि घरों में फर्नीचर और सड़कों पर खड़ी गाड़ियां भी हिलती दिखीं। भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी की गई और तट पर 30 से 62 सेंटीमीटर ऊंची लहरें भी देखी गईं, हालाँकि गनीमत रही कि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र रूसी शहर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 128 किलोमीटर दूर, जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने सभी आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा है और लोगों से शांत रहने की अपील की है।
‘रिंग ऑफ फायर’ और भूकंपीय गतिविधि
कामचटका(Kamchatka) क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र है। इस साल यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र रहा है। USGS के आंकड़ों के अनुसार, इस साल कामचटका(Kamchatka) में 1,200 से अधिक भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश हल्के थे, लेकिन 4 बड़े भूकंप 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के थे। इनमें से सबसे विनाशकारी भूकंप 30 जुलाई को आया था, जिसकी तीव्रता 8.8 मापी गई थी। यह पिछले 10 सालों का सबसे बड़ा झटका था। चूंकि यह भूकंप समुद्र में आया था, इसलिए ज्यादा तबाही नहीं हुई। कुरिल द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी।
दुनिया भर में भूकंपों का कहर
पिछले 6 महीनों में दुनिया भर(Kamchatka) में लगभग 1 लाख 10 हजार भूकंप दर्ज किए गए हैं। इनमें से कई ने भारी तबाही मचाई है। 31 अगस्त, 2025 को अफगानिस्तान में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप ने 3,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और हजारों घर ढह गए। म्यांमार में 28 मार्च, 2025 को आया 7.7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप 200 सालों का सबसे बड़ा भूकंप था, जिसमें 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके झटके भारत, थाईलैंड और बांग्लादेश समेत 5 देशों में महसूस किए गए थे। 30 अगस्त, 2025 को अंटार्कटिका के पास भी 7.5 तीव्रता का एक भूकंप आया था, लेकिन कम आबादी के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी क्यों जारी की जाती है?
जब समुद्र के नीचे भूकंप आता है तो यह समुद्री तल को हिलाता है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी विस्थापित होता है और विशाल लहरें पैदा होती हैं। यही लहरें तटों की ओर सुनामी के रूप में बढ़ती हैं, जो बहुत विनाशकारी हो सकती हैं। इसलिए, भूकंप के बाद तुरंत सुनामी की चेतावनी जारी की जाती है ताकि लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।
‘रिंग ऑफ फायर’ क्या है और यह इतना खतरनाक क्यों है?
‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के चारों ओर घोड़े की नाल के आकार का एक क्षेत्र है, जहाँ कई टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। इन प्लेटों के आपस में टकराने, खिसकने या एक-दूसरे के नीचे जाने से लगातार भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। दुनिया के लगभग 75% ज्वालामुखी और 90% भूकंप इसी क्षेत्र में आते हैं, इसी कारण यह इतना खतरनाक है।
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