बिहार में बढ़ते पलायन और बेरोजगारी के अभिप्राय को लेकर कांग्रेस ने ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ प्रस्थान प्रारंभ की है। NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार इस पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। बीते 26 दिनों से वह बिहार के भिन्न जिलों में घूम-घूम कर नौजवान को जाग्रत कर रहे हैं।
कन्हैया कुमार पदयात्रा: पटना में हलचल, कई कार्यकर्ता हिरासत में
जब यह प्रयाण पटना पहुंची और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास की ओर बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें राजपुर पुल पर रोक दिया। इसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखा हलचल हुआ। कन्हैया कुमार समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अभिरक्षा में लिया गया।
कांग्रेस के बड़े नेताओं की सक्रिय भागीदारी
इस पदयात्रा में निरंतर बड़े कांग्रेस नेता भागीदार हो रहे हैं:
- राहुल गांधी ने बेगूसराय में यात्रा में भाग लिया।
- सचिन पायलट ने पटना में पदयात्रा में अंश लिया।

कांग्रेस इन नेताओं के जरिए नौजवान को जोड़ने और आगामी चुनाव के लिए जन समर्थन तत्पर करने की प्रयत्न कर रही है।
कन्हैया कुमार पदयात्रा: बिहार चुनाव के लिहाज से अहम रणनीति
बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। पलायन और काम से बाहर जैसे मुद्दे हमेशा से यहां की राजनीति में केंद्र में रहे हैं। राहुल गांधी ने दो महीने में तीसरी बार बिहार दौरा किया है, जिससे पार्टी की क्रियाशीलता स्पष्ट हो रही है।
कन्हैया का संदेश: नया बिहार बनाएं
एक्स पर कन्हैया कुमार ने लिखा,
“हाथ से हाथ जोड़कर, कदम से क़दम जोड़कर, नया बिहार बनाते हैं।”
उन्होंने नौजवानओं से निवेदन की कि वे इस आंदोलन से संबंधित और अपने अधिकारों की मांग करें।
निष्कर्ष
कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ यात्रा अब केवल हलचल नहीं, बल्कि एक चुनावी मुद्दा बनती जा रही है। बिहार के नौजवानओं को रोजगार और सम्मान दिलाने का यह प्रयास सत्ता तक कैसे पहुंचेगा, यह चुनावी रिजल्ट तय करेंगे।