Khalistani: आतंकी पन्नू ने फिर उगला जहर, पहलगाम हमले के बाद सिख सैनिकों से कहा- ‘युद्ध से दूर रहे,

पन्नू

खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने भारतीय सिख सेना के जवानों के लिए भड़काऊ संदेश पोस्ट किया। आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों से अपील की है कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध करता है तो वे इस लड़ाई में शामिल न हो।

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पहलगाम हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। इस बीच खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने भारतीय सिख सेना के जवानों के लिए भड़काऊ संदेश पोस्ट किया। खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों से अपील की है कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध करता है तो वे इस लड़ाई में शामिल न हो।

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उसने कहा कि इस्लामाबाद सिखों और खालिस्तान के लिए दोस्त है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पन्नू ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो यह भारत और पीएम मोदी के लिए अंतिम युद्ध होगा। भारतीय पक्ष के पंजाबी पाकिस्तानी सेना के लिए लंगर परोसेंगे।’

‘पाकिस्तान के खिलाफ मत लड़ो’

‘अब समय आ गया है कि नरेंद्र मोदी के अंधराष्ट्रवादी युद्ध को ना कहा जाए। पाकिस्तान के खिलाफ मत लड़ो। पाकिस्तान तुम्हारा दुश्मन नहीं है। पाकिस्तान सिख लोगों और खालिस्तान के लिए एक मित्र देश है और रहेगा। एक बार जब हम पंजाब को आजाद करा लेंगे, तो पाकिस्तान हमारा पड़ोसी होगा।

पीएम मोदी ने दी थी सेना को खुली छूट

  • पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत अधिक है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के रिसॉर्ट शहर में 25 भारतीयों सहित 26 लोग मारे गए थे।
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों को हमले के लिए देश की प्रतिक्रिया का समय, लक्ष्य और तरीका चुनने की पूरी स्वतंत्रता दी है।
  • इसके बाद अब गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख सैनिकों को भड़काने की कोशिश कर रहा है।
  • हालांकि, सिखों और पंजाबियों के बारे में पन्नू के दावे निराधार और हताशापूर्ण हैं।
  • कई पाकिस्तानी मंत्रियों ने दावा किया है कि भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई आसन्न है।
  • ऐसी खबरों के बीच बुधवार को पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, हालांकि भारतीय पक्ष ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

इस संगठन ने ली थी पहले हमले की जिम्मेदारी

बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली थी। हालांकि, जब भारत ने जवाबी तैयारी तेज कर दी, तो संगठन ने हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया।

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