लोग अस्वच्छ परिस्थितियों से जूझ रहे
हैदराबाद: बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव केटीआर (KTR) ने कांग्रेस सरकार (Congress Govt.) पर तीखा हमला बोलते हुए बुनियादी नागरिक स्वच्छता बनाए रखने में नाकामी के लिए उसे ‘कचरा सरकार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि लोग अस्वच्छ परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, जबकि कांग्रेस नेता कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं। रामा राव ने एक्स से बात करते हुए कहा कि हैदराबाद और तेलंगाना के कई शहर बेतरतीब सीवेज और कचरे की बदबू से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम और स्वास्थ्य विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण लोग परेशान हैं।
लापरवाही के कारण मौसमी बीमारियों में आई तेज़ी
उन्होंने बताया कि इस लापरवाही के कारण मौसमी बीमारियों में तेज़ी आई है और सरकारी और निजी, दोनों ही अस्पतालों को मरीजों की बढ़ती संख्या से निपटने में मुश्किल हो रही है। बीआरएस शासन के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि पहले जीएचएमसी, नगरपालिका प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मानसून से दो महीने पहले संयुक्त समीक्षा बैठकें आयोजित करते थे ताकि निवारक उपायों के लिए कार्य योजना तैयार की जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘अब मानसून के बीच में भी ऐसी कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।’’
तेलंगाना में हिंदुओं की आबादी कितनी है?
जनगणना 2011 के अनुसार तेलंगाना राज्य की लगभग 85% जनसंख्या हिंदू धर्म का पालन करती है। यहां पर अधिकांश त्योहार, परंपराएं और सांस्कृतिक गतिविधियां हिंदू समाज से जुड़ी होती हैं। हैदराबाद सहित कई क्षेत्रों में हिंदू आबादी का प्रभाव सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में साफ दिखाई देता है।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या था?
भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित इस क्षेत्र को ऐतिहासिक रूप से “तेलंगणा देशम” कहा जाता था। यह नाम तेलुगु भाषी लोगों और उनकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है। निज़ाम शासनकाल में यह क्षेत्र हैदराबाद राज्य का हिस्सा भी रहा, जिसके बाद अलग पहचान के रूप में विकसित हुआ।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या है?
इतिहास में तेलंगाना को “तेलुगु अंगन” और “त्रिलिंग देश” जैसे नामों से भी जाना गया। त्रिलिंग शब्द का अर्थ उन तीन प्रमुख शिव मंदिरों से है, जिनसे यह क्षेत्र जुड़ा हुआ है। समय के साथ यह क्षेत्र हैदराबाद राज्य का अहम हिस्सा बना और फिर स्वतंत्र पहचान के रूप में उभरा।
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