50 मजदूरों की मौत को महज फोटो शूट के अवसर में बदल दिया : केटीआर
हैदराबाद। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (केटीआर) (KT Rama Rao) ने पशमैलारम में सिगाची औद्योगिक विस्फोट में प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस सरकार की उदासीनता की आलोचना की है। उन्होंने सरकार द्वारा मृतकों के पार्थिव शरीर को डिस्पोजेबल कार्डबोर्ड बॉक्स में शोक संतप्त परिवारों को सौंपने की आलोचना की और इसे अपमानजनक और अमानवीय व्यवहार बताया। शवों को कार्डबोर्ड बॉक्स में पैक करके बिना सम्मान के भेजे जाने की खबरों पर नाराजगी जताते हुए रामा राव ने कहा कि रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) ने करीब 50 मजदूरों की मौत को महज फोटो शूट के अवसर में बदल दिया है।
यह एक भयावह नाटक : केटीआर
उन्होंने पूछा, ‘यह एक भयावह नाटक है। क्या प्रवासी मजदूर किसी तरह से कम इंसान हैं, रेवंत?’ उन्होंने जानना चाहा कि सरकार उनकी मौत में सम्मान और परिवारों को सांत्वना देने में असमर्थ क्यों है? बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि जब मानव अवशेषों को कार्डबोर्ड के बक्सों में ले जाया जा रहा है, तो परिवार जानकारी के लिए पुलिस के पैरों पर गिर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘दुर्घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों की संख्या के बारे में कोई सटीक डेटा उपलब्ध नहीं है,’ उन्होंने याद दिलाया कि एसएलबीसी सुरंग की घटना में मारे गए आठ श्रमिकों के परिवार अभी भी मुआवजे और जवाबदेही का इंतजार कर रहे हैं।

प्रवासी श्रमिकों के साथ किया जाए सम्मानपूर्वक व्यवहार
उन्होंने याद किया कि कैसे कोविड-19 संकट के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यह सुनिश्चित किया कि प्रवासी श्रमिकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए, उन्हें भोजन, आश्रय, चिकित्सा सहायता और उनके संबंधित गृह राज्यों में मुफ्त परिवहन की पेशकश की जाए। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव ने प्रवासी श्रमिकों को विकास में समान हितधारक और भागीदार माना। उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने उन्हें सम्मान और उम्मीद दी। उनके द्वारा अनुसरण करने के लिए एक महान उदाहरण स्थापित किए जाने के बावजूद, रेवंत रेड्डी ने लगभग 50 श्रमिकों की मौतों को महज फोटोशूट में बदल दिया।’
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