भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार पर तीखा हमला किया। अल्पसंख्यकों की उपेक्षा करने और अल्पसंख्यकों के लिए बनाये गये घोषणापत्र में कए वादों को लागू करने में विफल रहने का केटआऱ ने आरोप लगाया।
सभी धार्मिक समुदायों का समर्थन किया बीआरएस ने
बीआरएस ने सभी धार्मिक समुदायों का समर्थन किया।.रमजान के अवसर पर तेलंगाना भवन में बीआरएस द्वारा आयोजित इफ्तार रात्रिभोज में बोलते हुए, केटीआर ने मुस्लिम समुदाय को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम के दौरान प्रार्थना में भाग लिया। केटीआर ने अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के शासन की तुलना वर्तमान प्रशासन से की और इस बात पर जोर दिया कि बीआरएस शासन के तहत सरकार ने सभी धार्मिक समुदायों का समर्थन किया और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए गंगा-जमुना तहजीब को बढ़ावा दिया।
अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना की थी बीआरएस ने
उन्होंने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना और एक अग्रणी विदेशी शिक्षा योजना जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जिसने अल्पसंख्यक युवाओं को यूएसए और यूके जैसे देशों में अध्ययन करने में सक्षम बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से कांग्रेस सत्ता में आई है, तब से अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम बंद कर दिए गए हैं। केटीआर ने कैबिनेट में अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व की कमी के लिए कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की।
अल्पसंख्यकों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नही
उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “भारत में जहां भी कांग्रेस की सरकार है, अल्पसंख्यकों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिलता है। लेकिन तेलंगाना में पहली बार उन्होंने अल्पसंख्यकों को कैबिनेट से बाहर करके एक नई संस्कृति शुरू की है।” केटीआर ने तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए अल्पसंख्यक घोषणापत्र को लागू करने का आह्वान किया, जिसमें अल्पसंख्यक निगम को मजबूत करना और मुस्लिम समुदाय को दिए गए सभी आश्वासनों को पूरा करना शामिल है।
कांग्रेस पर दबाव जारी रहेगा
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक ये वादे पूरे नहीं हो जाते, बीआरएस कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी। तीव्र विरोध प्रदर्शन की योजना की घोषणा करते हुए केटीआर ने कहा, “केसीआर गारू की मंजूरी के साथ, हम जल्द ही इन वादों के कार्यान्वयन की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। कांग्रेस सरकार को अल्पसंख्यक घोषणा को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए या कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।”