Latest News Auraiya : जहरीले कीड़े के काटने से 10 साल के बच्चे की मौत

By Surekha Bhosle | Updated: September 22, 2025 • 6:00 PM

अस्पताल नहीं ले जाकर झाड़-फूंक में लगाया समय, गई मासूम जान

उत्तर प्रदेश के औरैया (Auraiya) जिले से एक दर्दनाक और चिंताजनक मामला सामने आया है। यहां एक 10 वर्षीय बच्चे को जहरीले कीड़े ने काट लिया, लेकिन समय पर अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़-फूंक और अंधविश्वास में भरोसा किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई

क्या हुआ था हादसे के वक्त?

उत्तर प्रदेश के औरैया Auraiya जिले के अछल्दा थाना क्षेत्र के ढुहल्ला गांव (Dhuhalla village) में एक दस साल के छात्र की जहरीले कीड़े के काटने से मौत हो गई. परिजनों ने झाड़-फूंक के चक्कर में बच्चे का समय पर इलाज नहीं कराया, जिसकी वजह से मासूम की जान चली गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, घटना के बाद से ही मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

औरैया Auraiya जिले के अछल्दा थाना क्षेत्र के ढुहल्ला गांव में रहने वाले संतोष सिंह का बेटा मयंक उर्फ रितिक पाल(10) रविवार सुबह अपने पिता के साथ खेत पर घास काटने गया था. इस दौरान किसी जहरीले कीड़े ने उसकी हाथ की उंगली में काट लिया. बच्चा दर्द से तड़पने लगा तो परिजन उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछल्दा लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को चिचौली अस्पताल रेफर कर दिया।

झाड़-फूंक में बच्चे की मौत

चिचौली से छात्र को सैफई पीजीआई रेफर किया गया, लेकिन परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाय घर वापस ले आए और झाड़-फूंक कराने लगे. इस बीच बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती चली गई. सोमवार सुबह जब स्थिति गंभीर हुई तो परिजन फिर से छात्र को सीएचसी अछल्दा लेकर पहुंचे. यहां डॉक्टर अभिचल पांडे ने इलाज शुरू किया, लेकिन इसी दौरान छात्र की मौत हो गई. इस बात की जानकारी होते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया।

पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव

सूचना मिलते ही अछल्दा थाना प्रभारी पंकज मिश्रा मौके पर पहुंच गए. परिजनों से पूछताछ कर उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, ताकि मौत के असल कारणों का पता चल सके. घटना के बाद से ही मृतक के घर में मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों का विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके बच्चे की मौत हो गई है।

औरैया क्यों प्रसिद्ध है?

यह सेंगर राजपूतों की वीर स्थली है। सेंगर वंशीय कनारधनी महाराजाधिराज श्री विशोक देव का विवाह कन्नौज के सम्राट जयचंद गहरवार (राठौड़) की बहन देवकला से हुआ था। दहेज में यह पूरा क्षेत्र इन्हें प्राप्त हुआ था। यहाँ का प्रसिद्ध देवकली मंदिर भी इन्हीं ने अपनी पत्नी देवकली के नाम पर बनवाया था।

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