ढलती उम्र पर फुलस्टॉप लगा देता है मेसो बोटोक्स
मेसो बोटोक्स बढ़ती उम्र में जवां दिखने के लिए फायदेमंद होता है। मेसो बोटोक्स ढलती उम्र पर फुलस्टॉप लगा देता है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में कई ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो बढ़ती उम्र में भी एकदम जवां दिखती हैं और उनकी स्किन भी यंग लगती है। फिर भले ही वह कितना भी कहें कि उनकी यंग स्किन के पीछे का राज अच्छा खानपान है। जबकि यह पूरी तरह से सच नहीं होता है। अभिनेत्रियां यंग दिखने के लिए बोटोक्स ट्रीटमेंट लेती हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है कि आखिर बोटोक्स और मेसो बोटोक्स में क्या अंतर है। ऐसे में आज इस लेख के जरिए हम आपको मेसो बोटोक्स के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि यह किस तरह से काम करता है।
जानिए काम करता है कैसे
अगर आप भी इसे कराने की सोच रहे हैं, तो इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर यह किस काम आता है। यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके जरिए बढ़ती उम्र के लक्षणों को छिपाया जाता है। अगर आपके चेहरे और आंखों के आसपास फाइन लाइन्स और झुर्रियां आदि हैं। तो आप इसकी मदद ले सकते हैं। इसके इस्तेमाल रोमछिद्रों के आकार को कम करने, तेल उत्पादन को कंट्रोल करने और फेस पर पसीना कम करने के लिए किया जाता है।
माइक्रो नीडल का किया जाता है उपयोग
इसमें चेहरे के खास हिस्सों पर हायलूरोनिक एसिड के साथ पतले बोटुलिनम टॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है। इस ट्रीटमेंट में माइक्रो नीडल का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल आंखों के नीचे झुर्रियां, माथे की बारीक झुर्रियां, मुंह का दबा हुआ कोण, नासोलैबियल फोल्ड, गर्दन और हाथ की झुर्रियों को हटाने में मदद किया जाता है।
स्किन की सतह पर लगाया जाता है मेसो बोटोक्स का इंजेक्शन
बोटोक्स और मेसो बोटोक्स एक जैसे नहीं होते हैं। दोनों में काफी फर्क होता है। बोटोक्स का इंजेक्शन सीधे मांसपेशियों में लगाया जाता है। वहीं मेसो बोटोक्स का इंजेक्शन स्किन की सतह पर लगाया जाता है। इसमें कम मात्रा में बोटुलिनम पाया जाता है। जबकि बोटोक्स में बोटुलिनम का पर्याप्त इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से मेसो बोटोक्स को बेबी बोटोक्स भी कहा जाता है।
स्किन टेस्ट के बाद ही ट्रीटमेंट
अगर आप भी इसे लेने का सोच रही हैं, तो किसी अच्छे स्किन एक्सपर्ट की सलाह लें। वह आपका स्किन टेस्ट करेंगे और उसके बाद ट्रीटमेंट की सलाह देंगे। इसको कराने के बाद फेस पर हल्की लालिमा का अनुभव होना सामान्य है। लेकिन अगर चेहरे की रेडनेस कम नहीं हो रही है, तो आपको फौरन डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। इसकी वजह से आपके चेहरे पर सूजन हो सकती है।