लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश (Agicultural country) है। किसानों की समृद्धि के बिना खुशहाली नहीं आ सकती। भारत में कृषि व पशुधन एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं। अन्नदाता किसान के घर में पशुधन होगा और पशुपालक भी खेतीबाड़ी से अवश्य जुड़ा होगा। यूपी दुग्ध उत्पादन (Milk producation) में देश में नंबर एक पर है।
सीएम ने एफएमडी बीमारी (खुरपका-मुंहपका) की चुनौतियों का जिक्र किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘भारत में पशु नस्लों का विकास’ कार्यशाला में एफएमडी बीमारी (खुरपका-मुंहपका) की चुनौतियों का जिक्र किया। बोले कि एफएमडी के वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारंभ हुए, फिर बीच में उसे रोका गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने सेचुरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आज आश्वासन दिया है। सीएम ने आश्वस्त किया कि पशुधन को एफएमडी मुक्त बनाकर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में योगदान देंगे।

ध्यान देंगे तो पशुपालकों को दे सकते हैं स्थायी समृद्ध निधि
सीएम योगी ने कहा कि पशुधन का असर वहां के क्लाइमेटिक जोन, उसके पालन, रखरखाव, नस्ल पर भी प्रभाव पड़ता है। यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग गोवंश दिखेंगे। स्थानीय स्तर पर देसी पद्धतियों से जिन्होंने नस्ल को सुधारने के लिए प्रयास किए, उन्होंने अच्छी नस्ल को बढ़ाने में सफलता प्राप्त कर ली। जो लोग प्रयास नहीं कर पाए, वहां पशुधन काफी पिछड़ा हुआ था। आज के समय में बहुत सारी स्थानीय नस्लें लुप्तप्राय की ओर हैं। उन पर ध्यान देंगे तो पशुपालकों को स्थायी समृद्ध निधि दे सकते हैं।
2017 में हम लोगों के सामने थी बड़ी चुनौती
सीएम योगी ने कहाकि 2017 में हम लोगों के सामने बहुत चुनौती थी। समय के अनुरूप पशुधन की नस्लों में सुधार नहीं हुए, जिसके परिणाम स्वरूप बड़े पैमाने पर पशुधन सड़कों, खेतों, कसाईखानों में जाते थे। आस्था से खिलवाड़, किसानों के खेत में परेशानी और सड़कों पर दुर्घटनाएं भी होती थीं। 2017 में निराश्रित गोआश्रय स्थल की कार्ययोजना बनाई और 2018 में उसे लागू किया।
14 लाख से अधिक गोवंश की हो रही देखभाल
सीएम योगी ने कहा कि आज 14 लाख से अधिक गोवंशों की देखभाल सरकार की गोशालाओं या सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पशुपालकों द्वारा की जा रही है। सीएम ने तीन स्कीम का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार 12 लाख गोवंशों की देखभाल अपने निराश्रित गोआश्रय स्थल के माध्यम से करती है। दूसरी स्कीम-सहभागिता योजना के माध्यम से चालू की गई है। हम किसी भी पशुपालक को चार गोवंश तक देते हैं। उसकी देखभाल के लिए हर महीने 1500 रुपये प्रति गोवंश देते हैं। कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन सिंह’, अरुणाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री गेब्रियल डी वांगसु, प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, गोसेवा आयोग के अध्य़क्ष श्याम बिहारी गुप्ता, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष, भारत सरकार की सचिव (पशुपालन व डेयरी) अलका उपाध्याय आदि की मौजूदगी रही।
किसान नाम का मतलब क्या होता है?
यह शब्द संस्कृत मूल के शब्द “कृषक” से आया है, जिसका अर्थ है “जो जमीन जोतता है”।
महिला किसान को हम कैसे कहते हैं?
महिला किसान को “महिला कृषक” या “कृषक महिला” कहा जाता है।
फार्म को हिंदी में क्या कहते हैं?
Farm का हिंदी में अनुवाद खेत होता है।
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