తెలుగు | Epaper

बैंकों से मिलने वाला कर्ज हो सकता है सस्ता

digital@vaartha.com
[email protected]

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी, RBI ने रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6% कर दिया है। पहले ये 6.25% थी। यानी, आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। वहीं आपकी ईएमआई भी घटेगी।

कर्ज सस्ता होने से क्या होगा?

  • हो सकती है EMI में कमी: रेपो रेट घटने के बाद बैंकों से मिलने वाले कर्ज की दरें भी घट सकती हैं, जिससे EMI में कमी आएगी।
  • नवीन लोन के लिए राहत: जिन लोगों ने अभी हाल में लोन लिया है, उन्हें भी इस निर्णय से राहत मिल सकती है।
  • अर्थव्यवस्था में सुधार: कर्ज की लागत कम होने से उपभोक्ता खर्च बढ़ा सकते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।

नए वित्त वर्ष में RBI की पहली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी मीटिंग के फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे दी। ये मीटिंग 7 अप्रैल को शुरू हुई थी।

इस साल फरवरी में RBI ने रेपो रेट में 0.25% कटौती की थी

इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी मीटिंग में RBI ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी।

रेपो रेट के घटने से क्या बदलाव आएगा?

रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं। वहीं ब्याज दरें कम होंगी तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।

रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता और घटाता क्यों है?

किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है।जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है।

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870