WAR TENSION:बॉर्डर के पास बने मदरसों को बंद करा रहा है पाकिस्तान

By digital | Updated: May 4, 2025 • 11:55 AM

भारत की एलओसी सीमा के पार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में गुरुवार को एक सरकारी आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने अपनी निगरानी में धार्मिक मदरसों को बंद कर दिया. जबकि क्षेत्र के अन्य इलाक़ों में कम से कम एक हज़ार मदरसों को दस दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

स्थानीय प्रशासन नियंत्रण रेखा या एलओसी के नज़दीकी इलाक़ों में मदरसों को बंद करने पर निगरानी रखे हुए है.

सरकारी पत्र में न केवल मदरसों को बंद करने का आदेश दिया गया है, बल्कि क्षेत्र में पर्यटकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

इस समय पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के इलाक़ों में, ख़ासकर नियंत्रण रेखा के क़रीब के इलाकों में लोगों को हथियार चलाने, आत्मरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक़, मुज़फ़्फ़राबाद शहर में एक आपातकालीन कोष स्थापित किया गया है। नियंत्रण रेखा के पास के गांवों में दो महीने का भोजन, पानी और चिकित्सा सामग्री भेजी गई है.

एलओसी के मुज़फ़्फ़राबाद के इलाक़े में रेड क्रिसेंट की प्रमुख गुलज़ार फ़ातिमा ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि जैसे ही एलओसी में तनाव देखा गया। प्राथमिक चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों और अन्य कर्मचारियों को क्षेत्र में तैनात कर दिया गया.

उन्होंने बताया कि भारत की ओर से एलओसी पर सैन्य कार्रवाई की स्थिति में नियंत्रण रेखा के आसपास के इलाक़ों से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन की आशंका है। इसलिए उनका संगठन कम से कम 500 लोगों के लिए राहत शिविर तैयार कर रहा है.

मदरसों को कराया जा रहा है बंद

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के पुंछ ज़िले के हजीरा इलाक़े में नियंत्रण रेखा से लगभग नौ किलोमीटर दूर स्थित धार्मिक मदरसा जामिया मदीना अरबिया को स्थानीय प्रशासन के आदेश पर कम से कम दस दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

इस मदरसे में 200 से अधिक छात्र धार्मिक शिक्षा हासिल करते हैं. इन छात्रों को गुरुवार को मदरसा प्रशासन ने आपातकालीन आधार पर अचानक उनके घर भेज दिया है.

जामिया मदीना अरबिया मदरसे के प्रमुख मौलवी ग़ुलाम शाकिर ने कहा कि उन्हें स्थानीय सरकार ने असामान्य हालात के कारण मदरसा बंद करने के लिए कहा था.

जब उन्होंने स्थानीय प्रशासन से पूछा कि क्या स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं, तो उन्हें बताया गया कि भारत की किसी भी संभावित कार्रवाई में मदरसे आसान निशाना बन सकते हैं

ग़ुलाम शाकिर ने कहा कि सरकारी एजेंसी की ओर से यह भी कहा गया कि स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे हॉस्टल में नहीं रहते हैं, जबकि मदरसों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे हॉस्टल में रहते हैं, यही कारण है कि मदरसों को अधिक ख़तरा है.

2019 में हुई थी बमबारी

उन्होंने कहा, “हमारा मदरसा नियंत्रण रेखा से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है. इससे पहले साल 2019 में झड़पों के दौरान हमारे मदरसे के पास गोले गिरे थे, लेकिन उस समय कोई नुक़सान नहीं हुआ था.”

उन्होंने आगे कहा, “अगर भारत की ओर से सीमा पार से गोलीबारी में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, तो ख़तरा है कि हमारा मदरसा भी इसकी ज़द में आ सकता है, यही वजह है कि हमने मदरसे को बंद करने के आदेश का पालन किया.”

साल 2019 में कश्मीर के पुलवामा में भारतीय अर्धसैनिक बलों के जवानों से भरी एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 से अधिक जवान मारे गए थे.

इसकी ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.

बाद में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने बालाकोट क्षेत्र में हवाई बमबारी की. केंद्र सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर को नष्ट किया गया था और कई ‘आतंकी’ मारे गए थे.

‘गोली -बारी के बाद लोग घुस जाते हैं बंकरों में ‘

श्रीनगर से मात्र 100 किलोमीटर दूर एलओसी की दूसरी ओर चकोठी सेक्टर है, जहां के लोगों ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए अपने घरों में बंकर बना लिए हैं.

22 साल के फ़ैज़ान इनायत ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “जैसे ही गोलीबारी शुरू होती है लोग बंकरों में चले जाते हैं.”

दोनों देशों के बीच हालिया तनाव के बाद कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी लगातार जारी है.

वहीं लीपा घाटी के तहसील प्रशासन ने किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए स्वयंसेवकों से अपील करते हुए उन्हें प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी ट्रेनिंग दी है.

अधिकारियों की इस अपील के बाद कई लोगों ने ख़ुद को स्वयंसेवक के रूप में पेश किया है.

ऐसे ही एक स्वयंसेवक उमैर मोहम्मद ने कहा, “हम जानते हैं कि आज नहीं तो कल, और कल नहीं तो परसों, भारत के साथ युद्ध होगा. यह युद्ध संभवतः नियंत्रण रेखा पर होगा और हमारा इलाक़ा प्रभावित होगा, इसलिए मैंने अपने दोस्तों के साथ यह प्रशिक्षण लेने का फ़ैसला लिया.”

# Paper Hindi News #Breaking News in Hindi #Google News in Hindi #Hindi News Paper closed loc madrasa pakistan