Madhya Pradesh High Court: विधायक के फोन से उजागर हुआ 443 करोड़ का अवैध खनन कांड

By Vinay | Updated: September 3, 2025 • 12:00 PM

जबलपुर, 3 सितंबर 2025: मध्य प्रदेश (Madhy Pradesh) हाई कोर्ट (High Court) में एक चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ, जब जस्टिस विशाल मिश्रा ने 443 करोड़ रुपये के कथित अवैध खनन मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जज ने अपने आदेश में कहा कि बीजेपी विधायक संजय पाठक ने उनसे इस मामले पर चर्चा करने के लिए फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, जिसे उन्होंने न्यायिक निष्पक्षता के खिलाफ माना। यह मामला कटनी, भोपाल और जबलपुर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन से जुड़ा है, जिसमें पाठक की पारिवारिक कंपनियों, निर्मला मिनरल्स और आनंद माइनिंग कॉरपोरेशन, पर गंभीर आरोप हैं

याचिकाकर्ता आशुतोष दीक्षित ने जनवरी 2025 में भोपाल की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें पाठक की कंपनियों पर सिहोरा और गोसलपुर में अवैध खनन और वन भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया। दीक्षित ने दावा किया कि 1000 करोड़ की जमीन को 90 करोड़ में खरीदा गया और 520 करोड़ का जुर्माना और 1700 करोड़ से अधिक का नुकसान राज्य को हुआ।

EOW की निष्क्रियता पर दीक्षित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस मिश्रा ने 1 सितंबर को आदेश में कहा, “संजय पाठक ने इस मामले पर चर्चा के लिए मुझसे संपर्क करने की कोशिश की, इसलिए मैं इस याचिका पर सुनवाई नहीं करूंगा।” उन्होंने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उचित पीठ के लिए भेज दिया। पाठक की मां निर्मला पाठक और बेटे यश पाठक ने मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।

विपक्ष ने इस घटना को सत्ताधारी दल की गुंडागर्दी करार दिया। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा, “यह भ्रष्टाचार का खुला खेल है।” पाठक ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। मामला अब सियासी तूल पकड़ रहा है।

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