शिव नगरी को मिलेगी नई आध्यात्मिक पहचान
परियोजना का स्थान और क्षेत्रफल
12 हेक्टेयर भूमि पर फैला विशाल वन
- उज्जैन Ujjain में श्री महाकाल लोक के पास विकसित किया जा रहा है यह संस्कृति वन।
- कुल क्षेत्रफल: 12 हेक्टेयर
- यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से होगा समृद्ध।
पौधारोपण का महा अभियान
30,000 पौधे होंगे रोपे
- हर पौधा भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद से जुड़ा होगा।
- इनमें तुलसी, बेलपत्र, अश्वगंधा, नीम, पीपल, वटवृक्ष जैसे पवित्र और औषधीय पौधे शामिल होंगे।
- पौधारोपण का उद्देश्य है वातावरण को शुद्ध करना और जीवनशैली को प्राकृतिक बनाना।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर गुजरात में बने संस्कृति वन की तर्ज पर उज्जैन Ujjain में भी 12 हेक्टेयर एरिया में महाकाल संस्कृति वन बनाया रहा है। कोठी रोड पर बन रहे संस्कृति वन में 30 हजार पौधे लगाए गए हैं। यहां आने वाले लोगों को पर्यावरण के साथ-साथ अध्यात्म से जोड़ने के लिए योग केंद्र और अवंतिका नगरी का इतिहास बताने के लिए राजा विक्रमादित्य की सिंहासन बत्तीसी भी आकार ले रही है।
इस संस्कृति वन में मंदिर भी होंगे। 13 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे महाकाल संस्कृति वन को संभवत: इस साल के अंत तक लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। उज्जैन आने वाले तीर्थयात्री अब जल्द ही संस्कृति वन घूमने का भी मजा ले सकेंगे। प्रदेश में उज्जैन के साथ ही भोपाल और रीवा में भी इस प्रकार के संस्कृति वन बनाए जा रहे हैं। उज्जैन आने वाले लोग संस्कृति से लेकर गौरव गाथा और इतिहास से लेकर धार्मिक महत्व के विषयों तक सब कुछ एक ही जगह पर देख और समझ पाएंगे।
शहर के बीच में भव्य स्वरुप में बन रहा महाकाल संस्कृति वन
शहर के बीच में भव्य स्वरुप में बन रहा महाकाल संस्कृति वन अपने आप में अद्भुत होगा। देशभर से आने वाले लोग उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की भव्य सिंहासन बत्तीसी का दीदार भी कर सकेंगे। इसके लिए कई तरह के फूलों से सुसज्जित विक्रम टीले का भी निर्माण किया जा रहा है।
उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के लिए 2378 हेक्टेयर भूमि पर 5 हजार करोड़ रुपए की लागत से स्थायी कुंभ सिटी बनाई जाएगी। इसमें इंटरकनेक्टेड चौड़ी सड़कें, अंडरग्राउंड लाइट, हॉस्पिटल, स्कूल, खूबसूरत चौराहे और सड़क डिवाइडर वाला अंतरराष्ट्रीय
सिंहस्थ से पहले उज्जैन को दो एलिवेटेड ब्रिज की सौगात
सिंहस्थ कुम्भ 2028 से पहले उज्जैन को दो एलिवेटेड ब्रिज की सौगात मिलेगी। इसे नागपुर की तर्ज पर बनाया जाएगा। आज हुई सिंहस्थ कार्य की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन यादव ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।