Maharashtra : संघर्ष की मिसाल, जब मजबूरी में पति बना बैल

By Surekha Bhosle | Updated: July 2, 2025 • 4:42 PM

नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण

पति हल लेकर आगे चला और पत्नी ने खुद बैल की तरह कंधे पर जुआ उठाकर खेत जोता। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गईं।

महाराष्ट्र: लातूर जिले से एक ऐसा हृदयविदारक मामला सामने आया है जिसे देखने के बाद हर किसी का कलेजा पसीज जाएगा। एक बूढ़ा किसान और साथ में उसकी बुजुर्ग पत्नी दोनों मिलकर ऐसे खेत को जोत रहे हैं कि बैल की जगह खुद किसान हल में जुता हुआ है और पीछे से उसकी पत्नी हल को चला रही है। पैसों की तंगी से इंसान कितना मजबूर हो जाता है यह इस सवाल का एक बड़ा उदाहरण है। बुजुर्ग दंपत्ति जिसके घर पर बैठ कर आराम करने के दिन हैं वे इस तरह से अपने खेत में मेहनत करने को मजबूर हैं।

जो भी इस तस्वीर को देख रहा है वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पा रहा है और भावुक हो जा रहा है। यह मामला लातूर जिले के अहमदपुर के किसान दंपत्ति का है जिनके पास अपने खेत में बुवाई करवाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। गरीबी की हालत ऐसी कि वह ट्रैक्टर तो छोड़िए बैल का इंतजाम भी नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से मजबूरी में उन्हें इतना कठिन परिश्रम करना पड़ा रहा है।

दिल को छू लेने वाली मेहनत

बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि पिछले साल सूखा पड़ने और बेमौसम बारिश की वजह से उनकी फसल को काफी नुकसान हुआ था। इसी वजह से उनकी जमापूंजी खत्म हो गई। पिछले एक साल से वे दोनों बेहद कठिन हालातों में जीवन-यापन कर रहे हैं। अंबादास पवार के पास 2.5 एकड़ जमीन है। उनके पास खेत जोतने और फसल उगाने के लिए बैल या ट्रैक्टर खरीदने के संसाधन नहीं हैं। न ही वह अपने लिए काम करने के लिए मजदूरों को रख सकते हैं। 

मुक्ताबाई ने कहा कि उनका बेटा शहर में मजदूरी करता है और बुजुर्ग दंपति खेती का सारा काम, जुताई से लेकर कटाई तक, खुद ही करते हैं। दंपति की बहू और दो पोते उनके साथ रहते हैं। उनकी एक बेटी भी है, जो शादीशुदा है और अपने ससुराल में रहती है।

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