Mancherial में आम, धान के किसान बेमौसम बारिश से परेशान

By Ankit Jaiswal | Updated: May 13, 2025 • 1:00 AM

बेमौसम बारिश बनी जान की आफत

मंचेरियल। जिले के कई हिस्सों में कुछ दिन पहले हुई बेमौसम बारिश के कारण लगभग 4,000 एकड़ में लगे आम के बागों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में 30 अप्रैल से 6 मई के बीच तेज आंधी के साथ बेमौसम बारिश हुई। इसके परिणामस्वरूप, नेन्नल, भीमाराम, बेल्लमपल्ली, जयपुर, मंदामरी और थंडूर मंडलों में 3,713 एकड़ में कटाई के चरण में पहुंच चुके आम के बाग प्रभावित हुए। खेतों और सड़कों पर आम बिखरे पड़े थे, जो तबाही की भयावहता को दर्शाते थे।

कई जिलों में रिकॉर्ड की गई बेमौसम बारिश

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भीमाराम मंडल में सबसे अधिक 23.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, उसके बाद 2 मई को नेन्नाल में 21.3 मिमी बारिश हुई। जिले की औसत बारिश 5.2 मिमी रही। जयपुर मंडल में 10 मिमी बारिश हुई, जबकि कन्नेपल्ली में क्रमशः 9.1 मिमी और 6.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। 4 और 6 मई को भी हल्की बारिश दर्ज की गई। परेशान किसानों ने कहा कि उन्हें इस मौसम में अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी, लेकिन बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने सरकार से नुकसान का व्यापक सर्वेक्षण करने और जल्द से जल्द मुआवजा देने का आग्रह किया। कई उत्पादकों ने बताया कि उन्होंने बागों की खेती के लिए काफी रकम निवेश की थी।

बेमौसम बारिश ने आम के बागों पर बरपाया कहर

नेन्नल मंडल के अवदम गांव के आम किसान राजा गौड़ ने बताया कि बेमौसम बारिश ने आम के बागों पर कहर बरपाया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने अफसोस जताया कि बागवानी करने वाले किसान बारिश और आंधी के कारण गिरे आमों को इकट्ठा करने के लिए मजदूर नहीं रख पाए। इस बीच, 862 एकड़ में उगाई गई और काटी जा रही धान की फसल अप्रत्याशित बारिश से प्रभावित हुई। खरीद केंद्रों पर रखा करीब 2 लाख मीट्रिक टन धान भीग गया, जिससे किसानों को नुकसान हुआ।

प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए रिपोर्ट तैयार

जिले में यासांगी सीजन-2025 में 1.21 लाख एकड़ में फसल उगाई गई थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि जिले में 3.23 मीट्रिक टन धान की पैदावार होगी। अधिकारियों ने बताया कि फसल नुकसान का सर्वेक्षण करके प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि अनाज को भीगने से बचाने के लिए खरीद केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में तिरपाल कवर भेजे गए हैं।

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