रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) पर चर्चा की शुरुआत की. पाकिस्तान से जंग के दौरान भारत के कितने लड़ाकू विमान मार गिराए गए, इस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सवाल ही गलत है. विपक्ष ने ये कभी नहीं पूछा कि हमने कितने दुश्मन के विमानों को मार गिराया.
उन्होंने कहा कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर उचित सवाल नहीं पूछ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन के पॉलिटिकल और मिलिट्री लक्ष्य हासिल करने के लेने के बाद ही ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया. उन्होंने कहा कि यह कहना कि किसी की दबाब में आकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोका गया, यह पूरी तरह से बेबुनियाद है.
किसने किया था युद्ध रोकने का अनुरोध
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए. रक्षा मंत्री ने कहा, ”…लेकिन यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है, और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा.”
सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा,”प्रतिपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे, यह राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता.” उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दे पर सवाल नहीं किए जाते.रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) का बेमिसाल उदाहरण है. इसके तहत पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया गया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है.
पहले के युद्धों में पूछे गए सवाल गिनाए
राजनाथ सिंह ने 1971 और 1962 युद्ध के दौरान विपक्ष के तौर पर पूछे गए सवालों का जिक्र किया. राजनाथ ने कहा कि हमने 1962 में हमने सेना के शौर्य पर कभी सवाल नहीं किए. हमने कभी नहीं पूछे कि सेना के कितने टैंक या विमान बर्बाद हुए. हमारे लिए रिजल्ट मैटर करता है, जैसे परीक्षा के दौरान ये मायने नहीं रखता कि पेन या पेंसिल टूटी. आखिरकार परिणाम मायने रखता है.
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